खैरागढ़ वनमंडल में तेंदुए का अवैध शिकार, 24 घंटे में 7 आरोपी गिरफ्तार
खैरागढ़। खैरागढ़ वनमंडल में अवैध तेंदुआ शिकार का मामला सामने आया है। वन विभाग ने तेज और प्रभावी कार्रवाई करते हुए मात्र 24 घंटे के भीतर 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से तेंदुए के सभी गायब अंग और शिकार में प्रयुक्त सामग्री बरामद कर ली है।
जानकारी के अनुसार, 14 दिसंबर 2025 को अपराह्न करीब 3.30 बजे, बीट फॉरेस्ट ऑफिसर दैहान सुनील पटले को एक स्थानीय ग्रामीण द्वारा तेंदुए की मृतावस्था की सूचना दी गई। सूचना मिलते ही पटले तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और वन परिक्षेत्र अधिकारी खैरागढ़ को इसकी जानकारी दी।
सूचना मिलते ही वनमंडलाधिकारी खैरागढ़ दीपेश कपिल, संयुक्त वनमंडलाधिकारी और वन परिक्षेत्र अधिकारी स्थानीय वन अमले के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। दैहान परिसर के वन कक्ष 343 पीएफ से लगभग 50 मीटर दूर राजस्व भूमि (खसरा क्रमांक 132) में तेंदुए का शव क्षत-विक्षत अवस्था में मिला।
घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्य वन संरक्षक, दुर्ग वृत्त एम. मर्सीबेला और मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी)/उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व रायपुर सतोविसा समाजदार भी घटनास्थल पर पहुंचे। साथ ही राज्य स्तरीय उड़नदस्ता दल और डॉग स्मेल टीम को भी बुलाया गया।
डॉग स्मेल टीम की मदद से संदिग्ध डोमन लाल वर्मा (45 वर्ष, ग्राम दैहान) को बुलाया गया। पूछताछ में उसने अपने अन्य साथियों चन्दूराम वर्मा, हेमचंद वर्मा और दीपक यादव के नाम उजागर किए। आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने विद्युत करंट का उपयोग कर योजनाबद्ध तरीके से तेंदुए का शिकार किया।
जांच के दौरान शिकार में प्रयुक्त तार, खूंटियां, कुल्हाड़ी, धारदार हथियार और टूटी हुई एयरगन बरामद की गई। पूछताछ में दो अन्य आरोपी फिरोज निषाद और कचरू यादव के नाम भी सामने आए। तेंदुए के चारों पंजे और दांत भी आरोपियों के निशानदेही पर बरामद किए गए।
एनटीसी गाइडलाइन के अनुसार, वनमंडलाधिकारी दीपेश कपिल की उपस्थिति में डॉक्टरों की टीम ने तेंदुए का शव परीक्षण किया और स्थल पर ही दाह संस्कार किया। सभी सैंपल सुरक्षित रखे गए हैं।
वन विभाग की सुनियोजित और त्वरित कार्रवाई वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण और सराहनीय कदम के रूप में देखा जा रहा है।

