किसान भेषकुमार साहू ने पीएम आशा योजना से प्रेरित होकर 15 एकड़ में सरसों की बुआई की
राजनांदगांव। राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम पारीखुर्द के किसान भेषकुमार साहू ने पीएम आशा योजना प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान अंतर्गत दलहन-तिलहन फसलों की समर्थन मूल्य पर खरीदी से प्रेरित होकर 15 एकड़ खेत में सरसों फसल की बुआई की है। किसान भेषकुमार साहू ने बताया कि पीछे वर्ष उन्होंने धान की खेती की थी। पीएम आशा योजनांतर्गत रबी वर्ष 2025-26 में समर्थन मूल्य पर चना, मसूर एवं सरसों का उपार्जन किया जाएगा।
किसान भेषकुमार साहू ने बताया कि जानकारी के अभाव में लगातार धान के बाद धान फसल ले रहे थे, जिससे ना केवल ज्यादा पानी का दोहन होता था बल्कि बार-बार खाद और कीटनाशी दवाईयां खेत में डालने से फसलों की उपज भी कम होने लगी थी। उन्होंने इस वर्ष फसल चक्र परिवर्तन के लिए कृषि विभाग द्वारा नेशनल मिशन ऑन इडिबल ऑइल योजनांतर्गत प्रदाय किये गये सरसों बीज किस्म पीएम-32 के बुआई किए हैं। जिससे उन्हें प्राप्त होने वाली उपज को एमएसपी दर पर विक्रय करेंगे। उन्होंने बताया कि सरसों फसल में मात्र 10 रूपए से 11 हजार रूपए लागत आता है साथ ही औसत उपज 6 से 8 क्विंटल प्रति एकड़ आसानी से प्राप्त हो जाता है। इस तरह सरसों की फसल 35 से 37 हजार रूपए सीधे आमदनी हो जाती है। जो ग्रीष्मकालीन धान की तुलना में कम परिश्रम और कम लागत में फायदे की फसल है। शासन द्वारा भी सरसों फसल के लिए 6 हजार रूपए से अधिक एमएसपी दिया जा रहा है जो किसानों के लिए बड़ी राशि है। किसान भेषकुमार ने बताया कि सरसों फसल को मवेशी खराब नहीं करते है। ग्रीष्मकालीन धान की तुलना में 4 गुना कम पानी में इसकी खेती हो जाती है व लागत भी कम रहता है। शासन की पीएम आशा योजना एवं रबी मौसम में फसल चक्र परिवर्तन से दलहन-तिलहन के रकबा में वृद्धि होगी।

