नान घोटाला : छत्तीसगढ़ के बाद सुलग रहा मध्यप्रदेश
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बालाघाट/ भोपाल.
नागरिक आपूर्ति निगम यानिकि नान में हो रहे काम से भ्रष्टाचार की बू आने का सिलसिला अब छत्तीसगढ़ से निकलकर मध्यप्रदेश में पहुंच गया है. छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले में घटिया चावल की आपूर्ति सरकार के लिए संकट खडी़ करने वाली है. ईओडब्ल्यू के एक जांच दल ने बालाघाट जिले का दौरा कर जांच प्रारंभ कर दी है.
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन दुकानों में वितरित किए गए निम्न गुणवत्ता के चावल की जांच के मामले में ईओडब्ल्यू जबलपुर की टीम बालाघाट व मंडला के दौरे पर गई थी.
बताया जाता है कि इओडब्ल्यू ने प्राथमिकी दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है. बीते शनिवार को ईओडब्ल्यू कार्यालय में हुई बैठक के बाद अधिकारियों ने जांच के बिंदु तय किए. टीम के सदस्यों को जानकारी दे दी गई है कि दोनों जिलों में जांच का दायरा किस तरह बढ़ाना है.
पता चला है कि ओपन कैप में रखे धान भींगने से काफी नुकसान हुआ जिसे मिलिंग के लिए भी भेजा गया. खराब धान से निकले चावल को भी राशन दुकानों में खपा दिया गया. अब ईओडब्ल्यू डीएसपी राज्यवर्धन माहेश्वरी के नेतृत्व में टीम दोनों जिलों में जांच पड़ताल कर रही है.
घटिया चावल वितरण मामले में बालाघाट-मंडला में एफआइआर दर्ज करने के बाद आर्थिक अपराध अन्वेषण प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने मामले के तकनीकी पहलुओं पर फोकस किया है. इस केस से जुड़े अहम साक्ष्य मिलने के बाद ईओडब्ल्यू ने 10 बिंदुओं पर तहकीकात शुरू कर दी है.
मप्र में बांटे गए घटिया चावल में धान की कस्टम मिलिंग में सुर्खियों में रहे उप्र-बिहार के चावल को खपाने की भी तस्दीक की जा रही है. नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों और क्वालिटी इंस्पेक्टर की भूमिका को अहम मानते हुए ईओडब्ल्यू ने दस्तावेजों को आधार बनाना शुरू कर दिया है.
ईओडब्ल्यू की टीम ने धान खरीदी से लेकर परिवहन, भंडारण और मिलिंग से लेकर वितरण तक गुणवत्ता जांच के दस्तावेज खंगालने शुरू कर दिए हैं. ईओडब्ल्यू के डीएसपी राज्यवर्धन माहेश्वरी ने इसकी पुष्टि की है.
बालाघाट में नान प्रबंधक सहित 9 अफसर नपे
गुणवत्ताहीन चावल प्रदाय करने के मामले में दो दिन भीतर बालाघाट जिले के नौ अफसरों पर गाज गिर चुकी है. नान के जिला प्रबंधक आरके सोनी बुधवार को ही तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिए गए थे.
इनके अलावा तत्कालीन गुणवत्ता निरीक्षक नागेश उपाध्याय, क्लालिटी निरीक्षक मुकेश कनहेरिया, सीडब्ल्यूसी. गर्रा के क्वालिटी निरीक्षक राकेश सेन, एसएल द्विवेदी, बैहर के क्वालिटी निरीक्षक लोचन सिंह टेंभरे, सीडब्लयूसी गर्रा के शाखा प्रबंधक विपिन बिसेन, श्वेता वेयर हाउस नेवरगांव के शाखा प्रबंधक उदय सिंह राजपूत, एमपीडब्ल्यूएलसी बैहर के शाखा प्रबंधक जितेन्द्र डोंगरे भी निलंबित किए जा चुके हैं.इन सभी अफसरों के साथ दागी 18 मिलर्स पर भी एफआईआर दर्ज करने के निर्देश कलेक्टर दीपक आर्य ने दे दिए हैं.