भाजपा सांसद संतोष पांडेय ने कहा : आईपीएस शुक्ला का अनुशासन, कसावट और अच्छाई सरकारी सांचे में नहीं बैठी

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राजनांदगांव.

महज चार माह से थोडा़ अधिक समय तक पुलिस अधीक्षक रहे आईपीएस जितेंद्र शुक्ला के अचानक स्थानांतरण पर अब भारतीय जनता पार्टी ने भी सरकार को निशाने पर लिया है. सांसद संतोष पांडेय ने आईपीएस शुक्ला की कार्यशैली की मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए उन्हें हटाए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.

उल्लेखनीय है कि एसपी शुक्ला का स्थानांतरण शुक्रवार को अचानक कर दिया गया था. आईपीएस के इस तरह अचानक बदल दिए जाने पर जिले की जनता भी आक्रोश में नजर आ रही है. और तो और सत्ताधारी दल कांग्रेस के पदाधिकारी भी इस फेरबदल से खफा हैं.

जनता सब देख रही है

राजनांदगांव सांसद संतोष पांडेय की नजर में आईपीएस जितेंद्र शुक्ला एक अच्छे अधिकारी हैं. वे कहते हैं कि औंधी से लेकर साल्हेवारा तक एसपी शुक्ला की कार्यशैली को, कसावट को जनता ने पसंद किया था.

सांसद पांडेय के शब्दों में काबिले तारीफ वाले अधिकारी जितेंद्र शुक्ला रहे हैं. उनकी अच्छाई, कसावट, अनुशासन सरकार के खांचे में फिट नहीं बैठ रहे थे इस कारण उनका तबादला किया गया है.

भाजपा सांसद पांडेय कहते हैं कि अच्छा काम करते समय इस तरह स्थानांतरित कर डिस्टर्ब कर देना स्वयं जनता को पसंद नहीं आ रहा है. जनता समझ रही है. परते खुलेंगी. जनता से कुछ भी छिपाया नहीं जा सकता है.

इसके पहले राजनांदगांव जिला भाजपा अध्यक्ष व पूर्व सांसद मधुसूदन यादव आईपीएस शुक्ला के तबादले पर अपनी नाराज़गी जाहिर कर चुके हैं. उनके अनुसार एसपी शुक्ला का जल्दबाजी में किया गया स्थानांतरण कोई प्रशासनिक प्रक्रिया के तहत नहीं बल्कि दुर्भावनापूर्ण उद्देश्य से किया गया है.

पूर्व सांसद यादव कहते हैं कि शुक्ला का इस तरह स्थानांतरित होना अधिकारियों को हताश करेगा. राज्य सरकार इतनी पारखी और गुणी कब से हो गई कि मात्र 4 महीने में किसी एसपी की कार्यप्रणाली का आंकलन कर उसका स्थानांतरण कर दे ?

तबादला उद्योग व जिद की कहानी है

यादव का कहना था कि ऐसे जिम्मेदार अधिकारी को हटाना राज्य सरकार की निरंकुशता और मनमानी को दर्शता है. एसपी का स्थानांतरण किसी जिद का परिणाम और तबादला उद्योग के विकास की कहानी है.

पूर्व महापौर यादव ने कहा कि यद्यपि ट्रांसफर करना राज्य सरकार का विशेषाधिकार है किंतु बदनीयती और दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से किया गया स्थानांतरण पूरे तरीके से गलत व अनैतिक है. ऐसा निर्णय भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला होता है. शुक्ला के स्थानांतरण की उन्होंने कडी़ आलोचना की है.

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