हाड कंपाऊ सर्दी से राजस्थान की काया कांप उठी

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जयपुर.

हाड़कंपाऊ सर्दी में पूरे राजस्थान की काया कांप उठी है. खास करके शेखावटी क्षेत्र में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है. एक ही रात में तापमान तकरीबन 10 डिसे कम हो गया है.

शेखावटी क्षेत्र में इन दिनों शीत लहर सी स्थिति देखी जा रही है. 2.9 किमी/घंटे की रफ्तार से सर्द हवा लोगों के शरीर को कंपकंपाते हुए गुजर रही है.

बादल, धूंध और सर्द हवा का जोर

बादल के साथ धूंध और सर्द हवा के जोर ने शेखावटी क्षेत्र को गरम कपड़ों में लपेट दिया है. इसके बावजूद लोग नश्तर सी चुभती सर्द हवा में धूप तापते नजर आ रहे हैं.

सर्वाधिक परेशानी बुजूर्गों के साथ उन बच्चों को हो रही है जिन्हें स्कूल जाना पड़ रहा है. फतेहपुर कृषि अनुसंधान केंद्र पर न्यूनतम तापमान 2.6 डिसे रिकार्ड किया गया है.

ऐसी स्थिति पश्चिमी विक्षोप के चलते निर्मित हुई है. सर्दी के कहर को ओलावृष्टि ने और हवा दे दी है. गलन बढऩे से ठिठुरन भी बढ़ गई है.

सीकर जिले के दादिया व तारपुरा क्षेत्र में गेहूं, जौ, चना, सरसों, तारामिरा, मेथी जैसी फसल को ओलावृष्टि से नुकसान उठाना पड़ा है.

दांतारामगढ़ के इलाकों में भी यही स्थिति नजर आ रही है. यहां के विभिन्न क्षेत्र में तकरीबन 20 से 90 प्रतिशत तक नुकसान उठाना पड़ा है.

अब मौसम वैज्ञानिक कहते हैं कि फिलहाल तो ठीक है लेकिन जैसे ही बादल छटेंगे वैसे ही जमाऊ सर्दी का अहसास लोगों को होगा.

ओपी कालश के मुताबिक हवा रूकेगी और कोहरा नहीं छाएगा जिसके चलते तापमान जमाव बिंदु से नीचे चले जाएगा.राजस्थान सहित उत्तर भारत कंपकंपा रहा है.

उत्तरी पाकिस्तान और उससे सटे जम्मू एवं कश्मीर पर एक चक्रवाती संचलन के रूप में पश्चिमी विक्षोभ कम चिह्नित हो गया है.

हालांकि, संबंधित द्रोणिका अपनी धुरी के साथ ऊपर मोटे तौर पर 72° पूर्वी देशांतर लेकर उत्तर दिशा में 30° उत्तरी अक्षांश तक अब औसत समुद्र तल से 3.1 और 5.8 किमी के बीच के बीच चल रही है.

पूर्वोत्तर राजस्थान और आसपास के क्षेत्रों पर बना प्रेरित चक्रवाती परिसंचरण अब अब पंजाब एवं आसपास के क्षेत्रों पर स्थित है और औसत समुद्र तल से 2.1 किमी ऊपर तक फैला हुआ है.

पूर्वी उत्तर प्रदेश और उससे सटे बिहार पर स्थित चक्रवाती संचरण अब बिहार एवं आसपास के क्षेत्रों पर स्थित है. औसत समुद्र तल से ऊपर, 2.1 और 3.1 किमी के बीच स्थित है.

एक चक्रवाती परिसंचरण पूर्व बांग्लादेश और आसपास के क्षेत्रों में औसत समुद्र ताल से ऊपर 1.5 से 2.1 किमी ऊपर के बीच स्थित है.

औसत समुद्र तल से 0.9 किमी ऊपर उत्तर प्रदेश के मध्य भागों से पूर्वी मध्य प्रदेश के होता हुआ विदर्भ तक एक ट्रफ चलायमान है.

ईस्टरलीज(पूर्वी हवाओं) में एक द्रोणिका दक्षिण पूर्व अरब समुद्र तट से केरल तट पर औसत समुद्र तल से 0.9 किमी ऊपर ऊपर चलायमान है.

एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ द्वारा 18 दिसंबर की रात से पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र को प्रभावित करने की संभावना जताई गई है.

कमजोर पड़ रहा विक्षोप

पश्चिमी विक्षोभ के कमजोर पड़ने के कारण, आज से (14 दिसंबर, 2019), उत्तर पश्चिम भारत में वर्षा गतिविधियां बहुत कम होने की संभावना है.

इसके प्रभाव के कारण, अगले 24 घंटों के दौरान, पश्चिमी हिमालय के ऊपर कुछ स्थानों पर या कहीं कहीं बारिश / हिमपात की संभावना है.

अनुकूल मौसम संबंधी परिस्थितियों के कारण, उत्तर पश्चिमी भारत मैदानी इलाकों में कुछ क्षेत्रों में बारिश होने की बहुत संभावना के साथ घने कोहरे से बहुत अधिक घने कोहरे की संभावना है.

अगले 2-3 दिनों के दौरान सुबह के घंटों के दौरान ओडिशा, उत्तरी मध्य प्रदेश और उत्तर-पूर्व भारत में कहीं-कहीं के क्षेत्रों में घने कुहरे की संभावना है.

जबकि मध्य प्रदेश के शेष हिस्सों में कहीं-कहीं के क्षेत्रों में हल्के से मध्य कोहरा छा सकता हैं. अगले 2-3 दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत सहित मध्य प्रदेश में 2-4 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान में महत्वपूर्ण गिरावट दर्ज होने की प्रबल संभावना है.

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