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माँ कर्मा की जयँती पर ग्रहण की खिचड़ी

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रायपुर.

भक्त माता कर्मा की जयँती मँगलवार को पूरे देश में धूमधाम से मनाई गई. इस अवसर पर उन्हें तरह तरह से याद किया गया. जगह जगह उस खिचड़ी का प्रसाद वितरित हुआ जिसे माँ कर्मा भक्ति भाव के साथ प्रभु कृष्ण को अर्पित करती रहीं थीं.

उल्लेखनीय है कि राजस्थान के नागौर जिले में एक गाँव है जिसका नाम कालवा है. इसी कालवा गाँव में माँ कर्मा का जन्म 3 मार्च 1017 को हुआ था.माँ कर्मा भगवान कृष्ण की परम भक्त थी.

उनकी भक्ति के लिए वे जानी जाती हैं. ऐसा माना जाता है कि उन्हें भोजन कराने के लिए सम्मानित किया जाता है. कर्मा ने श्रीकृष्ण भगवान के चरणों में गिरकर वैकुंठ लोक में प्रवेश किया.

उन्होंने अपना अँतिम समय पुरी में बिताया. उनकी मृत्यु 27 मार्च 1017 को हुई थी. तभी से श्री जगन्नाथ भगवान को सर्वप्रथम, माँ कर्मा की खिचड़ी का ही भोग लगाने की परम्परा है. हालांकि एक अन्य मान्यता के मुताबिक उनका जन्म झाँसी में हुआ था.

क्या है कहानी . . ?

कर्माबाई एक जाट थीं जिन्हें भक्त शिरोमणि कर्माबाई के रूप में जाना जाता था. उनका जन्म नागौर जिले में स्थित कालवा गाँव में जीवनजी डूडी के परिवार में हुआ था.

वे कृष्ण की भक्त थीं. कर्माबाई के पिता भी कृष्ण के भक्त थे. एक बार की बात है, उन्हें बाहर कुछ काम था, तो उन्होंने कर्माबाई को निर्देश दिया कि वह पहले भगवान को भोग लगाए, बाद में खुद खाए.

उस समय कर्मा बहुत छोटी थी. उसने इस निर्देश को सच मान लिया. अगली सुबह वह जल्दी उठी और भगवान को भोग लगाने के लिए खिचड़ी बनाई. जब उसने देखा कि भगवान कुछ नहीं खा रहे हैं, तो उसने भी नहीं खाया.

तब वह स्वयं उसके सामने प्रकट हुए और उसकी खिचड़ी खाई. जब तक उसके पिता वापस नहीं आए, तब तक उन्होंने यही दिनचर्या अपनाई. पिता के वापस आने पर उसने उन्हें सारी बात बताई.

पिता को भरोसा ही नहीं हुआ. उन्होंने अपनी सुपुत्री से फिर भोग लगाने की बात कही. कर्मा ने भगवान से विनती की कि वे उसे सच्चा साबित करने के लिए एक बार फिर प्रकट हों. दयालु भगवान कृष्ण अपने भक्त का सम्मान रखने के लिए एक बार फिर प्रकट हुए.

बहरहाल, इस पावन अवसर पर छत्तीसगढ़ में माँ कर्मा पर डाक टिकट भी जारी किया गया. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय अपने सहयोगी मँत्रियों सहित केंद्रीय राज्यमँत्री तोखन साहू व समाज के सम्मानित सदस्यों ने एकदूसरे को बधाई भी दी. राजनाँदगाँव के कार्यक्रम में वहाँ के विधायक विधानसभा अध्यक्ष डा. रमन सिंह विशेष तौर पर शामिल हुए.