पचास साल के पहले मरना है तो आइए इस गांव
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रांची.
यदि आप पचास साल के पहले मरना चाहते हैं तो झारखंड में एक ऐसा गांव है जहां पर आप आ सकते हैं. इस गांव के लोग बगैर कुछ किए धरे अमूमन पचास साल के होते तक मर जाते हैं. हालांकि गांव में अभी भी एक 69 साल का बुजूर्ग है जो कि अपने गांव को मरता देख रहा है.
विधानसभा चुनाव में डूबे झारखंड का एक जिला है पलामू. इसी पलामू जिले में एक गांव है चूकरू. यहां के पानी में ऐसा कुछ है कि यहां रहने वाले लोगों की हड्डियों और दांतों को कमजोर होते देखा जा सकता है.
पीने के पानी में क्या मिला है ?
दरअसल चूकरू गांव के लोगों के पास पीने के लिए साफ पानी भी उपलब्ध नहीं है. चूकरू के निवासियों को जो पानी पीना पड़ता है उसमें फ्लोराइड की मात्रा बेहद ज्यादा है.
फ्लोराइडयुक्त पानी पीने से गांव धीरे धीरे शारीरिक रूप से अब अक्षम हुए जा रहा है. यहां शारीरिक अक्षमता बड़ी तेजी से पैर फैला रही है. राजेश्वर पाल नामक ग्रामीण कहता है कि कई युवा हड्डियों और दांतों को हुए नुकसान के बीच अब तक अपनी जान गंवा चुके हैं.
गांव में रहने वाले बुजूर्ग राजेश्वर की उम्र फिलहाल 69 साल है. वह कहते हैं कि इकलौता मैं ही हूं जो गांव में इतनी लंबी अवधि तक जिंदा है. उनके अनुसार अकाल मृत्यु मरना चूकरू के निवासियों के लिए अब आम बात हो गई है.
राजेश्वर के अनुसार सरकार अब तक उनके गांव की समस्या का निदान ढूंढ नहीं पाई है. उनके अनुसार गांव एक ओर जहां बुजूर्ग हुए जा रहा है वहीं सरकार अथवा उसके अधिकारी गांव के लोगों को सलाह देते घूमते हैं कि गांव छोड़ दो.
राजेश्वर एक सवाल पूछते हैं कि हम सभी विकलांग हैं. आखिर हम कहां और कैसे जाएं ? इस सवाल का जवाब यदि झारखंड सरकार को मिल जाए तो वह चूकरू तक जरूर पहुंचा दे शायद वहां कोई जिंदा हो.