हनी ट्रैप : छग के मेगा प्रोजेक्ट पर थी नजर
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भोपाल/रायपुर.
मध्यप्रदेश की राजनीति व प्रशासनिक अमले में भूचाल ला देने वाले हनी ट्रैप मामले के तार छत्तीसगढ़ से भी जुड़ गए हैं. रैकेट के मास्टर माइंड की नजर छत्तीसगढ़ के एक मेगा प्रोजेक्ट पर गड़ी हुई थी.
हालांकि इसकी पुष्टि अब तक नहीं हो पाई है कि छत्तीसगढ़ के किस किस नेताओं और नौकरशाहों से इस रैकेट का संपर्क था.
फिर भी ऐसा माना जा रहा है कि इसके तार मध्यप्रदेश से कहीं आगे छत्तीसगढ़ व महाराष्ट्र तक फैले हुए थे. अपने संपर्कों के सहारे यह रैकेट छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र में भी पैर पसार रहा था.
सरकार झेल नहीं पाएगी रहस्य
उल्लेखनीय है कि मामले में तीसरी मर्तबा विशेष जांच टीम (एसआईटी) के प्रमुख बदले गए हैं. अब यह जिम्मेदारी राजेंद्र कुमार को मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर सौंपी गई है.
पूर्व में एसआईटी टीम के प्रभारी आईपीएस श्रीनिवास वर्मा बनाए गए थे. उनसे महज चौबीस घंटों के अंदर एसआईटी की कमान ले ली गई. तब संजीव शामी एसआईटी हेड बनाए गए.
बताया तो यह तक जाता है कि कांग्रेस-भाजपा के कई नेता हनी ट्रैप कांड में फंसे हुए हैं. छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र के कुछ एक बड़े नेताओं के भी नाम सुनाई दे रहे हैं.
सोमवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा मुख्य सचिव एसआर मोहंती, डीजीपी वीके सिंह सहित एसआईटी हेड संजीव शामी तलब किए गए थे. तब कमलनाथ इस बात से नाराज थे कि इसमें एटीएस को शामिल किया गया है.
सूत्र बताते हैं कि सरकार के सलाहकारों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को यह समझाया था कि मामले में इतने रहस्य उजागर होंगे कि सरकार उसे झेल नहीं पाएगी. मामले में डीजीपी की गलती भी बताई गई कि उन्होंने एटीएस को जांच में शामिल कर लिया.