मुख्यमंत्री के नजदीकी रहे कुणाल आरक्षण पर ले आए स्थगन

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बिलासपुर/रायपुर.

मुख्यमंत्री के नजदीकी रहे कुणाल शुक्ला हाईकोर्ट बिलासपुर से आरक्षण के खिलाफ स्थगन ले आए हैं. उनका तर्क था कि किसी भी सूरत में पचास फीसदी से अधिक का आरक्षण नहीं दिया जा सकता है. इसे हाईकोर्ट बिलासपुर ने मान लिया है.

दरअसल बिलासपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन, जस्टिस पीपी साहू की संयुक्त बैच ने ओबीसी आरक्षण वृद्धि के विरोध में लगाई गई याचिका पर अंतरिम आदेश दिया है.

कुणाल अब कह रहे हैं कि यह अध्यादेश संविधान और सर्वोच्च न्यायालय के खिलाफ था. पचास प्रतिशत से ऊपर आरक्षण लागू नहीं किया जा सकता है फिर भी राज्य सरकार ने ऐसा किया था.

इस आधार पर वह हाईकोर्ट गए थे. वहां 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण पर रोक लगा दी गई है. प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने 14 की जगह 27 प्रतिशत आरक्षण प्रदेश में ओबीसी को देने का फैसला किया था.

हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए 1 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रखा था जिसे आज सुनाया गया. महाधिवक्ता कार्यालय के अनुसार अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को राज्य में दिया जा रहा आरक्षण यथावत है.

हाईकोर्ट ने ओबीसी के आरक्षण में की गई 13 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी पर रोक लगाई है. ओबीसी को मिलने वाला 14 प्रतिशत आरक्षण पूर्ववत बना रहेगा. फैसले के बाद राज्य सरकार को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.

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