जबलपुर-दमोह सड़क की चौड़ाई बढ़ाने से किया इंकार

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जबलपुर.

दमोह तक जाने वाली सड़क की चौड़ाई बढ़ाने से एस्सेल टोल वे प्राइवेट लिमिटेड ने इंकार कर दिया है. वह दस साल तक रखरखाव की शर्त को भी पूरा नहीं कर रही है.

इस सड़क का निर्माण बीओटी अनुबंध के तहत मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम (एमपीआरडीसी) ने केंद्र के निर्देश पर कराया था. सड़क बनाने 2010-11 में टेंडर निकाला गया था.

एक सौ पांच किमी लंबी

इस संबंध में एमपीआरडीसी के एजीएम मनोज जैन बताते हैं कि यह सड़क 105 किमी लंबी है. इस सड़क के निर्माण पर तकरीबन साढ़े तीन सौ करोड़ रूपए खर्च के अनुमान के साथ एस्सेल टोल वे प्राइवेट लिमिटेड से अनुबंध हुआ था.

उन्होंने बताया कि शर्तों के मुताबिक यह सड़क बीओटी के माध्यम से बनाई गई है. सड़क बनाने वाली इस कंपनी को विकास कार्यों सहित एक दशक तक सड़क का रखरखाव करना है. इसके बावजूद अब यह कंपनी शर्तों का उल्लंघन कर एमपीआरडीसी को सड़क विस्तार करने से मना कर रही है.

कई जगहों से जर्जर सड़क की शिकायत प्राप्त हो रही है. कंपनी ने मरम्मत का काम भी बंद कर दिया है. सुधार के अभाव में इस सड़क से गुजरने वाले वाहनों को हिचकोले खाकर आना जाना पड़ता है. सड़क पर दो जगह टोल टैक्स लेने बेरियर भी लगाए गए हैं.

नोहटा नदी सहित हिरण नदी से गुजरने वाली यह सड़क वाहन चालकों के लिए इसलिए परेशानी खड़ी करती है कि पुलों पर सड़क का हिस्सा ऊंचा नीचा है. एस्सेल टोल वे प्राइवेट लिमिटेड को इसके समतलीकरण सहित कटंगी और जबेरा में मरम्मत कराने के निर्देश एमपीआरडीसी द्वारा दिए गए थे.

इस निर्देश का पालन नहीं करते हुए निर्माण करने वाली कंपनी के प्रबंधन ने टका सा जवाब दे दिया है कि कटंगी और जबेरा की नगर पालिका परिषद के अमले ने सड़क खोदकर उसे बर्बाद किया है. प्रबंधन का यह भी कहना है कि सड़क के नीचे से पाइपलाइन गुजर रही है इसकारण इसकी मरम्मत करना ठीक नहीं है.

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