सौ करोड़ की मालकिन रोटी को मोहताज !
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जयपुर/सीकर.
सौ करोड़ की मालकिन रोटी को मोहताज है. उसके नाम से 64 बीघा जमीन है लेकिन वह आज भी मजदूरी करने को मजबूर है.
बात यहां पर संजूदेवी मीणा की हो रही है. संजूदेवी का निवास सीकर जिले के दीपावास गांव में है. पहाडिय़ों के नीचे यह गांव ऐसे बसा है कि यहां तक पहुंचना भी आसान नहीं है. दीपावास गांव, नीम के थाना तहसील अंतर्गत आता है.
अंगूठा लगवाया गया था
संजूदेवी बताती है कि उसके ससुर के साथ पति मुंबई में काम किया करते थे. वर्ष 2006 में कुछ लोग उसके पति को आमेर ले कर गए थे. तब उसके पति का अंगूठा एक स्थान पर लगवाया गया था.
पति को मरे बारह साल होने को आए हैं. संजूदेवी को आज तक यह नहीं मालूम कि कौन सी संपत्ति कहां पर उसके नाम से है?
वह कहती है कि शुरू के वर्षों में कोई उसके घर आकर पांच हजार रूपए दे जाता था. संजू के मुताबिक इसमें से ढाई हजार रूपए खुद रखकर ढाई हजार रूपए अपनी फुफेरी बहन को दे देती थी. बीते कई साल से उसके घर रूपए लेकर कोई नहीं आया.
पति की मौत के बाद संजू मजदूरी करके अपने परिवार वालों का जीवन यापन कर रही है. जानवर पालकर वह किसी तरह गुजारा कर रही है. उसे आज तक इस बात का इल्म नहीं है कि उसके नाम से सौ करोड़ रूपए की संपत्ति कहीं पर है.
बहरहाल अब इस संपत्ति जो कि दिल्ली हाइवे पर स्थित है में आयकर विभाग का कब्जा हो गया है. दंडगांव में पडऩे वाली इस जमीन पर आयकर विभाग की तरफ से बैनर लगा दिया गया है कि बेनामी संपत्ति निषेध अधिनियम के तहत इस जमीन को बेनामी घोषित करते हुए आयकर विभाग अपने कब्जे में ले रहा है.
दीपावास के ग्रामीण बताते हैं कि इस तरह की कई संपत्ति ग्रामीणों के नाम से हो सकती है. गांववालों के अनुसार कई कंपनियों ने यहां जमीन खरीदी है. लेकिन कोई नहीं जानता कि जमीन का मालिक कौन है? आयकर विभाग बीते वर्षों में चौदह सौ करोड़ रूपए की जमीन जब्त कर चुका है.