कांग्रेस और कल्लूरी की संगत-रंगत भाजपा सरकार में कभी मेल नहीं खा सकी
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रायपुर.
आईपीएस एसआरपी कल्लूरी की नई पदस्थापना ने नई सरकार के लिए मुश्किलें बढ़ा दी है. हालही में कल्लूरी को एसीबी-ईओडब्लू विभाग में आईजी के पद पर भेजा गया है. लेकिन इसके साथ ही उनसे जुड़े पुराने विवाद फिर उभरकर सामने आ रहे हैं.
बस्तर रेंज के आईजी रहे शिवराम प्रसाद कल्लूरी अपनी कथित करतूतों को लेकर निशाने पर हैं. खासकर बस्तर के पत्रकार, समाजसेवी और मानवाधिकार कार्यकर्ता खुलेरुप से उनकी खिलाफत कर रहे हैं.
भाजपा सरकार के दौरान बस्तर में आईजी पद पर रहते हुए एसआरपी कल्लूरी ने कई विवाद अपने नाम किए. उन पर पत्रकारों को धमकाने, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को निशाने पर लेने के आरोप लगे. निर्दाेषों को जेल भेजने और यहां तक निर्दाेष आदिवासियों पर गोली चलाने के कथित आरोप भी उन पर लगते रहे.
इस बीच सरकार ने पहले उन्हीं छुट्टी पर भेजा और इसी दौरान किडनी ट्रांसप्लांट के बाद वापस ज्वाईनिंग लेने पहुंचे कल्लूरी पीएचक्यू दाखिल कर दिए गए. तब से लूप लाईन में पड़े कल्लूरी को उस कांग्रेस सरकार ने उपकृत किया है जिसने हमेशा उन्हें देश को बदनाम करने वाला अधिकारी बताया था.
कांग्रेस और कल्लूरी की संगत-रंगत भाजपा सरकार में कभी मेल नहीं खा सकी. बताया जाता है कि कल्लूरी ने एक बार अब के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को रेपिस्ट तक कह दिया था. दोनों ही के बीच आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति भी चलती रही.
इन सबसे परे कांग्रेस न जाने किस दबाव में कल्लूरी जैसे विवादों से घिरे अफसर को एसीबी-ईओडब्लू जैसे विभाग तक ले आई है. स्वाभाविक रुप से यह पदस्थापना अब राज्य में कांग्रेस सरकार के लिए किरकिरी का सबब बन गई है.
बस्तर में फूटा गुस्सा
एसआरपी कल्लूरी जब बस्तर के आईजी थे उस समय कहा जाता है कि उनके शह पर पुलिस जवानों ने स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं का सार्वजनिक रूप से पुतला जलवाया था. कानून के उल्लंघन जैसे इस आरोप पर भी आईजी की शह मिलने के कारण किसी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.
वहीं जज लोया की मौत पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कुछ लोगों ने न्यायपालिका को लेकर एक कार्टून वायरल किया था जिसमें सरकार को न्यायपालिका को धक्का देते बताया गया था. इस कार्टून को स्थानीय पत्रकार कमल शुक्ला ने शेयर किया था, इसके कारण कल्लूरी के इशारे पर उनपर राजद्रोह का मामला दर्ज कर लिया गया था.
ऐसे आरोपों से घिरे कल्लूरी को नई सरकार द्वारा दी गई बड़ी जिम्मेदारी का पुरजोर विरोध हो रहा है. प्रदेश भर में इस मामले में तीखी प्रतिक्रिया सामने आ रही है. दैनिक अखबारों ने भी आज इस मामले को लेकर सुर्खियां बनाई हैं.