विराट अपहरण कांड : डीजीपी ने संभाली कमान
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से बर्तन व्यवसायी के छ: वर्षीय सुपुत्र विराट सराफ के अपहरण के घंटों बाद भी अपहरणकर्ताओं के संबंध में कोई सुराग हाथ नहीं लगा है. लोकसभा चुनाव के मद्देनजर शहर में जगह जगह नाकाबंदी किए जाने के बावजूद बिना नंबर की कार निकलती है और पुलिस को खबर ही नहीं होती है. इससे पुलिस पर सवालिया उंगली उठनी शुरू हो गई है. हालांकि बिलासपुर एसपी अभिषेक मीणा ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है लेकिन डीजीपी डीएम अवस्थी ने मामले को गंभीरता से लिया है. उन्होंने अपने अधीन पुलिस मुख्यालय स्तर पर एक टीम गठित की है. यह टीम बिलासपुर की सिविल लाइन और सिटी कोतवाली को सहयोग करेगी. भीड़ भरी जगह और भाजपा कार्यालय के पास से बच्चे के अपहरण हो जाने के घंटों बाद भी पुलिस के हाथ खाली रहने से शहर में तनाव बढ़ रहा है. लोग आक्रोशित हो रहे हैं. दरअसल अपहरण की घटना के 15 मिनट के भीतर ही पुलिस को सूचना मिल गई थी लेकिन इसके बावजूद पुलिस कुछ नहीं कर पाई. बिना नंबर की कार लेकर अपहरणकर्ता करबला की ओर से आए थे और पुराने बस स्टैंड की ओर गए. पुलिस अब तक सीसीटीवी फूटेज को ही खंगालने में लगी हुई है. बताया जाता है कि अपहरणकर्ताओं ने योजनाबद्ध तरीके से वारदात को अंजाम दिया है.