‘नेशन अलर्ट’ को एडीजी की ओर से थमाई गई नोटिस
रायपुर।
आपकी अपनी पत्रिका ‘नेशन अलर्ट’ को एडीजी पवन देव की ओर से उनके अधिवक्ता ज्ञानप्रकाश दांडेकर ने कानूनी नोटिस थमाई है। नोटिस का लब्बोलुआब यही है कि या तो खंडन प्रकाशित किया जाए या फिर मानहानि के मुकदमे का सामना किया जाए।
उल्लेखनीय है कि 23 सितंबर को नेशन अलर्ट ने अपने वेब पेज पर ‘वैधानिक कार्रवाई के लिए पुन: भेजा पत्र’ शीर्षक से एक खबर का प्रकाशन किया था। इसी खबर पर श्री दांडेकर ने एडीजी श्री देव की ओर से पत्रिका को कानूनी नोटिस भेजा है।
रविवार को तामिल हुई
नोटिस ‘नेशन अलर्ट’ के कार्यालय के पते पर भेजी गई है जो कि रविवार (1 अक्टूबर) को तामिल हुई है। नोटिस में उल्लेख है कि श्री देव (50) पिता श्री एसकेपी सिन्हा, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (चयन एवं भर्ती), पुलिस मुख्यालय नया रायपुर द्वारा दिए गए अधिकारों के तहत नोटिस दी गई है।
‘वैधानिक कार्रवाई के लिए पुन: भेजा पत्र’ शीर्षक से प्रकाशित खबर पर नोटिस में यह कहते हुए आपत्ति की गई है कि आपत्तिजनक, आधारहीन, झूठा, मनगढंत, सत्य से परे, भ्रामक एवं अपमानकारित बातें प्रकाशित की गई है। भारतीय पुलिस सेवा के 1992 कैडर के अधिकारी श्री देव के पक्षकार ने नोटिस में उल्लेख किया है कि दिनांक 14 जून 2014 से दिनांक 8 जुलाई 2016 तक बिलासपुर में पुलिस महानिरीक्षक पद पर पदस्थ बताते हुए पत्रिका के वेब पेज में प्रकाशित खबर से श्री देव के सम्मान को ठेस पहुंची है यह उल्लेख है।
नोटिस में आग्रह किया गया है कि नोटिस की प्राप्ति के 15 दिन के भीतर उक्त समाचार का खंडन प्रकाशित किया जाए। साथ ही साथ इसे किस आधार पर प्रकाशित किया गया है उस स्त्रोत, आधार एवं व्यक्ति के नाम की जानकारी उक्त अवधि में श्री दांडेकर अथवा उनके पक्षकार (श्री देव) को उपलब्ध करा दी जाए।
नोटिस में यह भी उल्लेख है कि यदि ‘नेशन अलर्ट’ उक्त अवधि में खबर का खंडन प्रकाशित नहीं करता है और असत्य, अपमानजनक समाचार के स्त्रोत, आधार एवं सत्यता की पुष्टि की जानकारी नहीं देता है तो पक्षकार का जान-बूझकर मानहानि करने के आशय से झूठी खबर के प्रकाशन पर सक्षम न्यायालय में वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। इसमें लगने वाले खर्चे व हर्जाने के देन दार आप (नेशन अलर्ट) होंगे।