दुष्कर्म : आरोपी आईएएस ने क्या वाकई 90 लाख नगद और लग्जरी कार भेंट की थी?
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पटना/नई दिल्ली. कभी जिन आईएएस संजीव हँस को मुख्यमंत्री का नजदीकी अफसर बताया जाता था अब वही बिना किसी पद के सामान्य प्रशासन विभाग में अटैच रहेंगे. उनकी दुर्दशा तब से चालू हुई जब प्रवर्तन निदेशालय ( ईडी ) ने उन पर छापामार कार्रवाई की. ईडी उन्हें कभी भी, किसी भी समय गिरफ्तार कर सकती है.
उल्लेखनीय है कि आईएएस हँस अब तक ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव का दायित्व संभाल रहे थे. बिहार में ऊर्जा मंत्रालय का दायित्व मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव के पास है. यादव जदयू कोटे से मंत्री बने हैं.
इसके अतिरिक्त हँस के पास बिहार स्टेट पावर (होल्डिंग) कंपनी लिमिटेड के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक का भी अतिरिक्त प्रभार था. भ्रष्टाचार व आय से अधिक संपत्ति के मामले में ईडी को उनके विरुद्ध कई सबूत मिले हैं.
90 लाख से ईडी के कान खडे़ हुए . . .
दरअसल, मामले में ईडी का आना बेहद रोचक है. आईएएस हँस और राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व विधायक गुलाब यादव पर एक महिला ने बेहद सनसनीखेज आरोप लगाए थे.
उसी महिला ने रूपसपुर पटना थाने में दुष्कर्म की रपट दर्ज कराई थी. आरोप आईएएस हँस और पूर्व विधायक यादव पर लगाया गया था. रपट मुताबिक राज्य महिला आयोग का सदस्य बनवा देने का लालच देते हुए उसे पटना बुलवाया गया था.
2016 के इस वाक्ये में उसके साथ आईएएस और पूर्व विधायक ने दुष्कर्म किया था. यही सब उसके साथ वर्ष 2017 में भी हुआ. महिला ने जब अपराध दर्ज कराने की धमकी दी तो आईएएस हँस, पूर्व विधायक यादव उसे मनाने में लग गए.
मामले को भूल जाने की बात कहते हुए आईएएस हँस ने उसे नगद 90 लाख रुपए भेंट किए थे. साथ ही साथ एक लग्जरी कार भी दिए जाने की खबर सुनाई दी थी. पटना पुलिस की जाँच में मामला तब सही पाया गया जब बीते वर्ष महिला की ओर से दुष्कर्म की रपट आईएएस के खिलाफ दर्ज कराई गई.
इस पर ईडी भी सक्रिय हुई. उसने आईएएस हँस के आवास आदि में छापा डाला. इसमें ईडी को कई बेनामी संपत्तियों के दस्तावेजों सहित हँस के पास से एक किलो से ज्यादा सोना और जेवरात भी मिले थे.
ईडी की पूछताछ में चंडीगढ़ में आईएएस हँस ने 95 करोड़ का रिसार्ट भी होना कथित तौर पर स्वीकार्य किया है. तकरीबन 40 लाख रुपए मूल्य वाली 15 विदेशी घडि़याँ उनके पास से बरामद की गई हैं.
हँस मूलतः पंजाब के रहने वाले हैं. वह 1997 बैच के आईएएस अफसर हैं. उन्होंने पूर्व में सामान्य प्रशासन विभाग के जाँच आयुक्त का भी कामकाज देखा है. जल संसाधन और स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव रह चुके हँस अब ईडी की कार्रवाई झेल रहे हैं.