प्रज्ञा के बयानों से घबराया संघ, की गई घेराबंदी
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भोपाल.
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से भाजपा की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ रही प्रज्ञा सिंह ठाकुर के बयान से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) को झटका लगा है. आरएसएस ने प्रज्ञा ठाकुर की घेराबंदी करते हुए उनके साथ अपने पांच विश्वसनीय लोगों को तैनात कर दिया है.
उल्लेखनीय है कि प्रज्ञा ठाकुर का सीधा मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी व पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के साथ होने जा रहा है. प्रज्ञा ठाकुर ने अभी हाल फिलहाल दो बेहद विवादित बयान दिए थे.
पहले बयान में उन्होंने महाराष्ट्र एटीएस के चीफ हेमंत करकरे को स्वयं के श्राप के कारण मरा बता दिया था. उल्लेखनीय है कि हेमंत करकरे को मुंबई ब्लास्ट के दौरान दी गई शहादत के चलते अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था.
आईपीएस हेमंत करकरे पर हुई बयानबाजी से देश का पुलिस संगठन भी नाराज हो गया है. देश के आईपीएस एसोसिएशन ने इस पर प्रज्ञा ठाकुर का नाम लिए बगैर बयानबाजी को गलत ठहराया था.
इसके बाद प्रज्ञा ठाकुर ने बाबरी विध्वंस को लेकर विवादों को फिर छेड़ दिया. प्रज्ञा ठाकुर यह कह गई थी कि बाबरी विध्वंस में उनकी भूमिका रही है. भोपाल जहां मुस्लिम मतदाता बहुतायत संख्या में है वहां इस तरह की बयानबाजी महंगी पड़ सकती है.
बदल दी गई टीम
प्रज्ञा ठाकुर की इस तरह की बयानबाजी से संघ की अपनी रणनीति को भी ठेस पहुंची है. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने अब प्रज्ञा ठाकुर की पूरी टीम बदल दी है.
पूर्व में विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता उनके साथ रहते थे. अब संघ के महत्वपूर्ण पदाधिकारी उनके साथ रहेंगे. राष्ट्रीय स्तर पर संघ से जुड़े तीन कार्यकर्ता उनके साथ चौबीस घंटे रहेंगे.
संघ ने भाजपा के भी दो वरिष्ट लोगों को भी प्रज्ञा ठाकुर के साथ जोड़ा है. इसमें एक नाम सांसद आलोक संजर का है. आलोक की अनुपस्थिति में पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता को प्रज्ञा के साथ रहने के निर्देश है.
बताया जाता है कि संघ ने चौबीसों घंटे प्रज्ञा सिंह ठाकुर के साथ अपने विश्वासपात्र कार्यकर्ताओं को रहने के निर्देश दिए हैं.
निर्देश तो यह भी हैं कि प्रज्ञा क्या बयान देना चाह रही है और क्या बयान देना चाहिए इस पर भी संघ निर्णय लेगा. मतलब साफ है कि चेहरा प्रज्ञा होगी आवाज संघ की.