कोर्ट कचहरी में उलझे डॉ. पुनीत गुप्ता
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रायपुर.
अंतागढ़ टेपकांड को लेकर की जा रही जांच ने डॉ. पुनीत गुप्ता का सुख-चैन छिन लिया है. डॉ. गुप्ता इन दिनों कोर्ट-कचहरी में उलझ गए हैं.
रायपुर की पूर्व महापौर श्रीमती किरणमयी नायक की शिकायत पर गत दिनों पंडरी थाने में एक एफआईआर दर्ज की गई. एफआईआर क्रमांक 39/19 में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, अमित जोगी, मंतूराम पवार, पूर्व मंत्री राजेश मूणत के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री के दामाद डॉ. पुनीत गुप्ता का नाम भी शामिल किया गया है.
सत्यापित छायाप्रति मांगी
गत दिनों डॉ. पुनीत गुप्ता ने अग्रिम जमानत के लिए प्रयास किया था. रायपुर से खारिज होने के बाद गुप्ता याचिका लेकर बिलासपुर हाईकोर्ट की ओर दौड़े थे.
सूत्रों के मुताबिक अब उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर की सर्टिफाइड कॉपी मांगी है. इसके लिए उन्होंने आवेदन प्रस्तुत किया है. दरअसल विधिक कार्रवाई के लिए एफआईआर की सर्टिफाइड कॉपी की दरकार होती है.
इधर, इस मामले में आज पुलिस कुछ हड़बड़ाहट में नजर आई. एसआईटी जांच में इन दिनों गोपनियता बरती जा रही है. सूचना का अधिकार भी काम नहीं कर रहा है.
इसका प्रत्यक्ष उदाहरण आज कोर्ट के समक्ष राजेश मूणत के वकीलों ने प्रस्तुत किया. उन्होंने कोर्ट को बताया कि आरटीआई के तहत आवेदन देने के बावजूद एफआईआर की कॉपी उन्हें उपलब्ध नहीं कराई गई है.
जैसे ही मामला अदालत की संज्ञान में लाया गया वैसे ही पुलिस अधिकारियों ने एफआईआर की कॉपी उपलब्ध करा दी. अब इधर गुप्ता ने इस तरह का आवेदन देकर एफआईआर की प्रति मांगी है.