पवार का आरोप : दबाव बनाकर दर्ज कराई गई है एफआईआर
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रायपुर.
अंतागढ़ टेपकांड मामले में मंतूराम पवार भी अब आर-पार की लड़ाई लडऩे उतर गए हैं. अब तक खुद पर लगे आरोपों को खारिज करते रहे पवार ने सोमवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व कांग्रेस नेत्री किरणमयी नायक के विरुद्ध अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई की मांग की है.
दरअसल, रविवार को कांग्रेस नेत्री, पूर्व महापैार किरणमयी नायक ने रायपुर के पंडरी थाने में मंतूराम पवार सहित पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, उनके सुुपुत्र अमित जोगी, डॉ. पुनीत गुप्ता और पूर्व मंत्री राजेश मूणत के खिलाफ रपट दर्ज कराई है. मूणत का नाम इस मामले में नया है. बताया जाता है कि फिरोज सिद्दिकी द्वारा एसआईटी को सौंपे गए सारे ऑडियो साक्ष्यों में राजेश मूणत के नाम का जिक्र है.
बहरहाल, श्रीमती नायक की रपट पर मंतूराम पवार आक्रामक हैं. उन्होंने पुलिस को दिए आवेदन में उल्लेख किया है कि मामला चार वर्ष पुराना है. श्रीमती नायक ने अब रपट दर्ज कराते हुए लिखा है कि उनके पास साक्ष्य हैं तो उन्होंने अब तक इसे प्रस्तुत क्यूं नहीं किया?
पवार ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व किरणमयी नायक पर आरोप लगाते हुए शिकायत में लिखा है कि अपनी सरकार आने पर बघेल व नायक मुझे व मेरे परिवार को मानसिक रुप से प्रताडि़त कर रहे हैं.
उन्होंने आरोप में यह भी उल्लेखित किया है कि, एसआईटी में भूपेश बघेल ने अपने विश्वस्त अधिकारियों को बिठाया है. इसी तरह एफआईआर दर्ज करने के लिए भी पुलिस पर दबावा बनाया गया है.
साक्ष्य छिपाने के दोषी हैं
अपनी शिकायत में पवार ने अंतागढ़ टेपकांड के मामले में कांग्रेस अध्यक्ष व सीएम बघेल द्वारा दायर की गई याचिकाओं का साक्ष्यों के अभाव में खारिज होने का भी उल्लेख किया है.
शिकायती आवेदन में उन्होंने बताया है कि उच्च न्यायालय में मेरे खिलाफ साक्ष्यों के अभाव में याचिका खारिज हुई. उच्चतम न्यायालय में याचिका को आधारहीन मानकर खारिज किया गया. तो उस दौरान इन्होंने साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किए. उन्होंने यह भी कहा है कि इस आधार पर सीएम बघेल व नायक साक्ष्य छिपाने के दोषी हैं.