अब खुलेगी इंदिरा बैंक घोटाले की फाइल, पूर्व सीएम सहित कई मंत्रियों की मुसीबत बढ़ सकती है
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रायपुर.
जिस इंदिरा बैंक घोटाले को लेकर नेशन अलर्ट लगातार मुहिम चलाता रहा अब उस मामले में कार्रवाई के आसार नजर आ रहे हैं. भाजपा की सरकार के दौरान हुए इंदिरा प्रियदर्शिनी महिला नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड (इंदिरा बैंक) में 53 करोड़ के घोटाले का खुलासा हुआ था.
इस घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, रामविचार नेताम, अमर अग्रवाल, राजेश मूणत और तत्कालीन पुलिस महानिदेशक सहित अन्य अधिकारियों की भूमिका सामने आई थी. इस हाईप्रोफाइल मामले में जांच को लगातार प्रभावित किया गया. नतीजा ये रहा कि अब तक इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है.
इस मामले को लेकर अब जांच के आसार हैं. सरकार बदलने के बाद इंदिरा बैंक संघर्ष समिति के कन्हैया अग्रवाल, सुरेश जैन, शैलेष श्रीवास्तव, शंकर सोनकर और पुरुषोत्तम शर्मा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को इस मामले की पुन: जांच के लिए ज्ञापन सौंपा है.
इस ज्ञापन पर मुख्यमंत्री बघेल ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है. उन्होंने खातेदारों को न्याय दिलाने की बात कही है. इस आश्वासन के बाद हजारों खाताधारकों की उम्मीद जगी है.
जबरिया दिवालिया घोषित किया
इंदिरा बैंक संघर्ष समिति के कन्हैया अग्रवाल, सुरेश जैन, शैलेष श्रीवास्तव, शंकर सोनकर और पुरुषोत्तम शर्मा ने इस मामले में खुलकर अपना पक्ष रखा है. उन्होंने आरोप लगाया कि नेताओं और अधिकारियों के संरक्षण में यह घोटाला हुआ. इसी वजह से अब तक न ही घोटालेबात चिन्हित किए गए और न ही किसी को सजा हुई.
वे यह भी कहते हैं कि बंैक को जबरिया दिवालिया घोषित किया गया. जबकि बैंक बंद होने की स्थिति में नहीं था. समिति ने बैंक घोटाले की नए सिरे से जांच हेतु कमेटी बनाने और बैंक के तत्कालीन मैनेजर उमेश सिन्हा के नार्को टेस्ट की रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत करवाने आवश्यक कार्रवाई के लिए निवेदन किया है.