प्रधानमंत्री सड़क : नौ दिन चले अढा़ई कोस
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राजनांदगाँव.
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना जैसी अच्छी योजनाएं भी ठेकेदारों और अधिकारियों की मिलीभगत के चलते अपने उद्देश्य को पूरा नहीं कर पा रही हैं. नौ दिनों में अढा़ई कोस चलने वाली कहावत को चरितार्थ करती हुईं नज़र आ रही हैं.
राजनांदगाँव के एक मोहल्ले का नाम बसँतपुर है. इसी बसँतपुर के आगे पनेका, बाँकल जैसी बस्तियां आएँगी. यह पूरा क्षेत्र जिला मुख्यालय के अधीन है अथवा लगा हुआ है यह कह सकते हैं.
बोर्ड की सच्चाई बयाँ करती सड़क . . .

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की गति कैसी है इसे उजागर इसी का बोर्ड कर रहा है. और बोर्ड की सच्चाई बयाँ कर रही है वह सड़क जिसे सँभावित तिथि ही मान लिया जाए तो 2024 के 15 अप्रैल को ही पूरा हो जाना चाहिए था लेकिन आज तक काम भी शुरू नहीं हो पाया.
यह हम नहीं बल्कि योजना व सड़क को लेकर अपनी आपत्ति जता रहे सुधीर ठाकुर नामक जिम्मेदार नागरिक अपने सोशल मीडिया एकाउंट में कर चुके हैं.
पनेका बाँकल रोड़ का यह बोर्ड है. यह सड़क जिला मुख्यालय में ही स्थित है. जब जिला मुख्यालय की सड़क का यह हाल है तो शेष जगहों पर क्या स्थिति होगी समझा जा सकता है.
आरडीसी रोड़ से बाँकल जाने वाली इस सड़क के नवीनीकरण कार्य के लिए 34.56 लाख रूपए स्वीकृत किए गए थे. यह कार्य मेसर्स चित्रकूट कँस्ट्रक्शन दुर्ग के जिम्मे था.पँचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की राजनांदगाँव की परियोजना क्रियान्वयन इकाई क्रमांक एक के अधीन यह कार्य आता है.
नवीनीकरण कार्य प्रारँभ होने की दिनांक वर्ष 2023 के 31 जुलाई दर्शायी गई है. महज 2.45 किलो मीटर लँबे इस कार्य को गत वर्ष ही पूर्ण हो जाना चाहिए था जोकि आज दिनांक तक नहीं हुआ है.

