किसका है सिग्नेचर क्लब . . ?

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राजनांदगाँव.

खनिज अधिकारी के पद पर यहाँ पदस्थ रहे राजेश मालवे नए विवाद में घिरते नज़र आ रहे हैं. यह विवाद उस सिग्नेचर क्लब से जुडा़ हुआ है जिसे रानी सूर्यमुखी देवी राजगामी सँपदा न्यास समिति ने एक ऐसा काम सौंपा था जिसके बाद उठ रहे मसले विवादित ही हैं.

उल्लेखनीय है कि राजेश मालवे, छत्तीसगढ़ शासन के अधिकारी हैं. उन्हें खनिज विभाग से जुडा़ हुआ बताया जाता है. मालवे पूर्व में नांदगाँव के खनिज अधिकारी रह चुके हैं.

कुछेक बरस पहले मालवे नांदगाँव में पदस्थ रहे थे. इसके बाद इन्हें पुन: पिछली काँग्रेस सरकार के समय नांदगाँव में पदस्थ किया गया था. यह वही समय था जब प्रदेश में कोल स्कैम हुआ था.

मालवे को नांदगाँव की दूसरी पदस्थापना 15 जनवरी 2021 से 12 मार्च 2024 तक मिली थी. इस अवधि में ही राजगामी सँपदा समिति का विवादित टेंडर भी निकला था. इसी टेंडर को लेकर अब कोर्ट कचहरी की बातें की जा रही हैं.

मालवे, सिग्नेचर क्लब और मनोज बैद का क्या है कनेक्शन . . ?

राजेश मालवे का नाम अप्रत्यक्ष तौर पर सिग्नेचर क्लब से जोडा़ जाता है. सिग्नेचर क्लब पार्टनरशिप फर्म है. इसके दो पार्टनर हैं. पहला पार्टनर सुजल बैद है तो दूसरे पार्टनर का नाम श्रीमती विजया लक्ष्मी है.

श्रीमती विजया लक्ष्मी के पति का ही नाम राजेश मालवे है. विजया लक्ष्मी को सिग्नेचर क्लब में 40 फीसद का पार्टनर दस्तावेज बताते हैं. शेष 60 फीसदी सुजल बैद के हिस्से का है.

बहरहाल, राजगामी सँपदा समिति के एक तार को छेड़ने से बहुत से तार छिड़ गए हैं. राजेश मालवे इसका एक उदाहरण मात्र है.

मालवे की बेनामी सँपत्तियाँ भी बताई जाती हैं जिसकी ईओडब्यू में शिकायत की भी जानकारी मिल रही है. उनसे सँपर्क करने का प्रयास किया गया था जोकि सफल नहीं हो पाया.

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