असाक्षरों को अक्षर ज्ञान के साथ-साथ दैनिक जीवन में उपयोग होने वाले मोबाईल के उपयोग को भी बताएं : कलेक्टर
राजनांदगांव। जिले में अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के उपलक्ष्य में साक्षरता सप्ताह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर आज यहां कलेक्टोरेट सभाकक्ष में उल्लास नवभारत साक्षरता सप्ताह के समापन अवसर पर स्वयंसेवी शिक्षक एवं असाक्षरों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कलेक्टर संजय अग्रवाल ने कहा कि जीवन में साक्षरता का विशेष महत्व है। उल्लास कार्यक्रम के तहत जिन लोगों को अक्षर ज्ञान नहीं है, उन्हें साक्षर करने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विद्यादान सबसे बड़ा दान है, असाक्षरों को साक्षर बनाने में स्वयंसेवी शिक्षक आगे आकर अपनी महत्पूर्ण भूमिका निभा रहे हंै, इसके लिए उन्होंने स्वयंसेवी शिक्षकों को विशेष रूप से बधाई दी। कलेक्टर ने कहा कि अक्षर ज्ञान नहीं होने का व्यक्ति के जीवन में अनेक कठिनाईयां आती हैं और कई बार उसके दैनिक जीवन को आर्थिक एवं अन्य दृष्टिकोण से सुलभ और सुचारू बनाने में बाधा भी आती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में बहुत से कार्य ऐसे है, जो मोबाईल के जरिए संपादित होते है, इसके लिए साक्षर होना आवश्यक है। साथ ही किसी भी प्रकार के आर्थिक लेन-देन में होने वाली धोखा-धड़ी से बचा जा सकता है। इसके लिए स्वयंसेवी शिक्षक असाक्षरों को अक्षर ज्ञान देने के साथ-साथ उन्हें दैनिक जीवन में मोबाईल के उपयोग को समझाएं और प्रशिक्षित भी करें, जो उनके दैनिक जीवन से जुड़े हुए है। उन्होंने इस कार्य को विशेष रूप से अभियान के रूप में संपादित करने के लिए प्रेरित किया।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सुश्री सुरूचि सिंह ने कहा कि उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत जिले के असाक्षरों को साक्षर बनाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। इसके लिए स्वयंसेवी शिक्षक जीवन को सुचारू और कुशल बनाने के लिए असाक्षर लोगों को व्यवहार में बदलाव लाना आवश्यक है। साक्षरता बढ़ने पर वे अपने कार्यों को ठीक ढंग से कर सकेंगे। साथ ही अक्षर ज्ञान के साथ उन्हें बेसिक फाईनेंसियल स्कील को भी बढ़¸ाने में भी मदद करें। परियोजना अधिकारी जिला साक्षरता मिशन श्रीमती रश्मि सिंह ने बताया कि जिले में 40 हजार असाक्षरों को साक्षर बनाने का लक्ष्य प्राप्त हुआ है, इसके विरूद्ध 42 हजार 495 असाक्षरों का पंजीयन किया गया है। इन्हें साक्षर बनाने के लिए 4415 वालिंटियर्स द्वारा साक्षर बनाया जाएगा। इसके लिए 200 साक्षरता केन्द्र स्थापित किए गए हंै, शेष साक्षरता केन्द्र भी शीघ्र स्थापित कर लिए जाएंगे। इन असाक्षरों की आगामी मार्च में परीक्षा आयोजित की जाएगी और उन्हें प्रमाण पत्र भी प्रदान किए जाएंगे। इसका मुख्य उद्देश्य असाक्षरों के जीवन कौशल को बढ़ाना है। कार्यक्रम में उपस्थित सभी ने साक्षरता की शपथ भी ली।
उल्लेखनीय है कि उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत प्राथमिक-माध्यमिक शालाओं में उल्लास सामाजिक केन्द्रों का शुभारंभ कर शिक्षकों एवं स्वयंसेवी शिक्षकों द्वारा असाक्षरों को उल्लास प्रवेशिका एवं संपर्क किट के माध्यम से कम से कम 200 घंटे पढ़ाया जाएगा। साक्षरता के साथ-साथ उन्हें स्वच्छता, पोषण, स्वास्थ्य, जल सरंक्षण मिशन के लिए भी जागरूक किया जाएगा। इसके तहत जन-जन साक्षर के लक्ष्य को हासिल किया जाएगा।
अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस अंतर्गत कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम में स्वयं सेवी शिक्षक हिरेन्द्र साहू, सुश्री रोशनी निर्मलकर, सुश्री खुशी, श्री फलेश, सुश्री राधिक विश्वकर्मा, रोहित कुमार साहू, सुश्री पायल साहू, सुश्री स्वाति साहू, किर्ती प्रसाद साहू, सुश्री करिश्मा पटेल को सम्मानित किया गया, वही असाक्षर श्रीमती सोनकी साहू, श्रीमती दशमत साहू, श्री पुनाराम यादव, श्रीमती सरोज नेताम, मूलिया बाई, गणेशूराम कंवर, श्रीमती मोम बाई, एवन कुमार सिन्हा को प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर डीएमसी सतीश ब्यौहारे, सुश्री प्रनीला शर्मा, मनोज मरकाम सहित बीईओ, बीआरसी, संकुल समन्वयक, स्वयंसेवी शिक्षक एवं असाक्षर उपस्थित थे।
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