15 साल दबाव था और अब क्या गुंडागर्दी है..
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राजनांदगांव.
एकात्म परिसर में शनिवार को भाजपा की बैठक के दौरान पत्रकार के साथ बुरा सलूक हुआ. उस पर विपक्षी दल का होने के आरोप लगे, मारपीट हुई.
पत्रकारों की बिरादरी विरोध प्रदर्शन पर बैठ गई. रविवार को भी विरोध जारी रहा. हालांकि पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने द्वंद समाप्त करने की कोशिश शनिवार रात को की थी.
इस मसले को लेकर पत्रकार बिरादरी का स्वर बुलंद है. वे कह रहे हैं, 15 साल की भाजपा सरकार में मीडिया पर दबाव रहा और जब सरकार नहीं रही तो भाजपाई गुंडागर्दी पर उतारु हो गए हैं.
था लेकिन नहीं था…: पारख
इस मसले को लेकर शनिवार की बैठक के प्रभारी रहे वरिष्ठ भाजपा नेता खूबचंद पारख कहते हैं, मामला क्यूं हुआ और कैसे आगे बढ़ा मुझे इसकी जानकारी नहीं है. मैं बैठक में जरुर था, लेकिन उस घटनाक्रम के दौरान मैं वहां नहीं था.
वे कहते हैं, बैठक पार्टी के अंदरुनी मसलों को लेकर थी. हम पत्रकारों से पहले ही बात कर चुके थे और बैठक के बाद भी उनसे बात होती, लेकिन न जाने वो कहां से आ गए. हमारे अध्यक्ष ने उनसे आग्रह किया था कि वे बाहर जाएं, लेकिन शायद इसी बीच कुछ गहमा गहमी हो गई.
पारख फिर कहते हैं, जिस किसी ने ऐसा किया वह भाजपा संगठन का नहीं हो सकता. हालांकि वो कौन है यह मैं नहीं जानता. वे कहते हैं, वहां बहुत से लोग थे. न जाने बात कहां आगे बढ़ी.