11वीं शताब्दी का है भोरमदेव मंदिर
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रायपुर/कवर्धा. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कल जिस भोरमदेव मंदिर में रूद्राभिषेक किया वह 11वीं शताब्दी का है. प्रदेश के प्राचीन, पुरातात्विक, धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल बाबा भोरमदेव मंदिर के दर्शन करने पहुँचे सीएम ने पवित्र सावन मास के अवसर पर हजारों कावड़ियों का हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत भी किया.
इस ऐतिहासिक आयोजन में मुख्यमंत्री ने हर-हर महादेव और बोल बम के जयघोष भी लगाए. उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने भी कावड़ियों का अभिनंदन किया.
यह छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार हुआ है जब प्रदेश के मुख्यमंत्री ने स्वयं हेलीकॉप्टर से शिवभक्त कावड़ियों पर पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया. श्री साय इस अद्वितीय मौके पर भोरमदेव बाबा भगवान शिव जी की विशेष पूजा-अर्चना और रुद्राभिषेक में शामिल हुए. उन्होंने प्रदेश की समृद्धि और खुशहाली की कामना की.
मुख्यमंत्री श्री साय और उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं से मुलाकात की. भंडारा स्थल पर पहुंचकर अपने हाथों से श्रद्धालुओं को खीर, पुड़ी, चावल और प्रसाद बाँटा.
इस दौरान पंडरिया विधायक श्रीमती भावना बोहरा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सुशीला राम कुमार भट्ट, जनपद अध्यक्ष इंद्राणी चंद्रवंशी, पूर्व विधायक अशोक साहू, नगर पंचायत अध्यक्ष मनहरण कौशिक ने भी बाबा के दर्शन किए.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सर्वप्रथम भक्तजनों को सावन मास की शुभकामनाएं दीं. उन्होंने प्रदेश की सुख-शांति और समृद्धि की कामना की है.
कबीरधाम जिले में स्थित बाबा भोरमदेव मंदिर के साथ-साथ, बुढ़ा महादेव और डोंगरिया के जलेश्वर महादेव जैसे ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों पर भी हर साल हजारों कावड़ियों द्वारा जलाभिषेक किया जाता है. नर्मदा के उदगम स्थल अमरकंटक से जल लेकर आए शिव भक्त पदयात्रा कर छत्तीसगढ़ के विभिन्न शिवालयों में जल चढ़ाते हैं.
इस कावड़ यात्रा में मध्यप्रदेश के अमरकंटक से मां नर्मदा का पवित्र जल लेकर भक्तजन कठिन मार्गों से गुजरते हुए बाबा भोरमदेव, जलेश्वर महादेव और पंचमुखी बूढ़ा महादेव में जलाभिषेक करते हैं. इस दौरान वे “बोल बम” के जयघोष के साथ भगवान शिव की महिमा का गुणगान करते हैं.
मुख्यमंत्री श्री साय के नेतृत्व में इस वर्ष की कावड़ यात्रा विशेष रूप से स्मरणीय रही. सरकार की ओर से कावड़ियों के स्वागत और सेवा का आयोजन किया गया.