डा. रमन सिंह की अनुशंसा से मंडी बोर्ड ने निर्माण कार्यों की स्वीकृति प्रदान की
राजनांदगांव। प्रदेश की बड़ी कृषि उपज मंडियों में शुमार रखने वाली राजनांदगांव की कृषि उपज मंडी अपने निर्माण के बाद लगातार उपेक्षा का दंभ झेल रही थी। विदित हो कि राजनांदगांव में डॉ. रमन सिंह ने मंडी की विशाल संरचना स्थापित की थी, उस समय मंडी समिति के उपाध्यक्ष कोमल सिंह राजपूत थे, परंतु बाद में शासन ने मंडी समिति की व्यवस्था को ही भंग कर दिया था, जिसके चलते मंडी लगातार राजनीतिक उपेक्षा का शिकार होती रही, जिसके कारण व्यापारी एवं कृषकगण अपनी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरसते रहे। विगत 5 वर्षों में कांग्रेस के शासन में कोई भी नया कार्य नहीं हो पाया। इसी परिपेक्ष्य में कृषि उपज मंडी समिति राजनांदगांव की अनाज मंडी प्रांगण एवं थोक सब्जी मंडी प्रांगण में प्रस्तावित विभिन्न निर्माण कार्यों की परेशानी व्यापारी एवं कृषकों ने बताई थी, जिस संबंध में कलेक्टर राजनांदगांव एवं प्रबंध संचालक मंडी बोर्ड की साधारण बैठक 12 मार्च 2024 को तय किए गए प्रस्ताव में 9 विभिन्न निर्माण कार्यों की रूपरेखा बनाई गई तथा इस संबंध में व्यापारियों ने पूर्व सांसद अभिषेक सिंह से चर्चा की थी। वर्तमान में निर्माण कार्यों के प्रस्ताव पर डॉ. रमन सिंह की अनुशंसा होते ही प्रबंध संचालक मंडी बोर्ड द्वारा मंडी निधि से 4 करोड़ 41 लाख की राशि की स्वीकृति प्रदान गई की गई, जिससे मंडी समिति के व्यापारी एवं कृषकों में हर्ष व्याप्त है, सभी ने आज विधानसभा अध्यक्ष कार्यालय पहुंचकर पूर्व सांसद अभिषेक सिंह एवं डॉ. रमन सिंह का विशेष रूप से आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से मंडी समिति के अध्यक्ष शेख मोहम्मद, उपाध्यक्ष प्रदीप जायसवाल, सचिव अजय जायसवाल, अक्कू भाई, बंटू भाई, राहुल जायसवाल, मुरली फगवानी, संजय तेजवानी, चंदन जायसवाल एवं शमी सहित कई कृषक मौजूद थे। इस अवसर पर प्रमुख रूप से जिला भाजपा अध्यक्ष रमेश पटेल, मंडल अध्यक्ष तरुण लहरवानी, अतुल रायजादा एवं रोहित चंद्राकर उपस्थित थे।
विभिन्न 9 प्रस्ताव पारित हुए जिसमें प्रमुख रूप से यूरिनल टॉयलेट के लिए 21.65 लाख कवर्ड शेड के लिए 75.89 लाख, साइकिल स्टैंड के लिए 7.81 लाख, 200 मैट्रिक टन गोदाम के लिए 12.78 लाख, कवर्ड शेड कैंटीन ऑफिस विभिन्न रिपेयरिंग टॉयलेट कृषक विश्राम ग्रह के लिए 18.71 लाख, लैंडस्कैपिंग कार्य के लिए 14.4 लाख, व्यापारी विश्रम गृह के लिए दो करोड़ 27 लाख, व्यापारी 20 दुकानों के लिए 43 लाख, पानी टंकी 50,000 लीटर के लिए 20 लाख रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई।