कैंसर से हार गए नारायण सान्याल
रायपुर।
कैंसर जैसी घातक बीमारी से पीडि़त होकर नारायण सान्याल ने कोलकाता में दम तोड़ दिया. 83 साल के सान्याल माओवादी नेता थे. सीपीआई माओवादी की सेंट्रल कमेटी के सदस्य नारायण सान्याल रहे थे.
सान्याल को पुलिस ने 3 जनवरी 2006 को रायपुर से गिरफ्तार किया था. उनके खिलाफ छत्तीसगढ़ जनसुरक्षा कानून समेत देशद्रोह और अन्य मामले दायर किये गये थे. रायपुर की निचली अदालत ने 24 दिसंबर 2010 को राजद्रोह के आरोप में नारायण सान्याल को उम्र कैद की सजा सुनाई थी.
सुप्रीम कोर्ट से मिली थी जमानत
2012 में सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी की खंडपीठ ने सान्याल की उम्र और छह साल से अधिक समय से जेल में रहने को आधार बना कर जमानत दी थी. अदालत ने इन्हीं तथ्यों के आलोक में उनकी सजा भी निलंबित रखी थी.
आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ और झारखंड में उनके खिलाफ कई मामले दर्ज थे. वे लंबे समय तक छत्तीसगढ़ की अलग-अलग जेलों में बंद रहे. बाद में एक-एक कर सभी मामलों में उन्हें जमानत मिल गई और अंतत: 2014 में झारखंड की एक जेल से उन्हें रिहा कर दिया गया.
विजय उर्फ प्रसाद उर्फ सान्याल जैसे नामों से माओवादी संगठनों में सक्रिय नारायण सान्याल ने पार्टी युनिटी में लंबे समय तक झारखंड, बिहार और बंगाल में संगठन विस्तार का काम किया.