‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ के बजाय ‘उड़ता छत्तीसगढ़’ : रमन ने कसा तंज
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रायपुर.
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह छत्तीसगढ़ में ड्रग के काले कारोबार के खुलासे से स्तब्ध हैं. सिंह ने कहा कि यह प्रदेश को नशे की अंधी गली में धकेलने की घोर चिंताजनक और साजिशाना हरक़त है, जो राजधानी में प्रदेश सरकार की नाक के नीचे चल रही थी. शासन-प्रशासन की लापरवाही के चलते यह काला कारोबार फल-फूल रहा था.
डा. सिंह ने कहा कि कोकीन व हेरोइन सप्लाई का भांडा फूटने के तुरंत बाद राजधानी के पास ही साढ़े चार क्विंटल गांजा और एक किलो से भी अधिक अफ़ीम का पकड़ा जाना प्रदेश सरकार की दाग़दार छवि और विकृत कार्यप्रणाली का एक और नमूना है. प्रदेश सरकार ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ के बजाय ‘उड़ता छत्तीसगढ़’ के तौर पर बदनाम होने से राज्य को बचाए.
सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार छत्तीसगढ़ को नशे के गर्त में धकेलने पर आमादा नज़र आ रही है. एक ओर पूर्ण शराबबंदी के अपने वादे से मुकरकर प्रदेश सरकार ने खुलेआम नशाखोरी को बढ़ावा देने और घर-घर शराब पहुँचाने का काम किया है, वहीं दूसरी ओर ड्रग्स सप्लायर्स प्रदेश के अमीर युवक-युवतियों को ड्रग सप्लाई कर प्रदेश की तरुणाई को खोखला बनाने में लगे हैं.
किसके संरक्षण में हो रही ड्रग पार्टी
डॉ. सिंह ने सवाल किया कि राजधानी के कई बड़े होटलों और फार्म हाउस में होने वाली ड्रग पार्टी आख़िर किसके संरक्षण में बेधड़क हो रही थीं ? क्या शासन-प्रशासन की जानकारी के बिना इतना बड़ा रैकेट चलने की बात विश्वसनीय हो सकती है ?
डॉ. सिंह ने कहा कि पूरा देश इन दिनों ड्रग के काले कारोबार को लेकर संजीदा है, ऐसे समय में छत्तीसगढ़ में कोकीन और हेरोइन की सप्लाई हवाई मार्ग से होने पर बहुत-से सवाल खड़े हो रहे हैं. यह खुलासा हवाई यात्राओं से पहले सामानों की जाँच-प्रक्रिया में बरती जा रही उदासीनता को भी रेखांकित करने वाली है.
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने नशे के इस समूचे काले कारोबार के लिए प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया. कहा कि यदि प्रदेश सरकार अपने शराबबंदी के वादे से मुकरने की बदनीयती का प्रदर्शन नहीं करती तो प्रदेश में नशे के कारोबारियों को इस तरह फलने-फूलने का साहस नहीं होता.
प्रदेश सरकार ने जिस तरह शराब के कारोबार में अपनी रुचि दिखाई और कोरोना काल में भी उसने शराब के कारोबार को छूट देने की हड़बड़ी दिखाई, उसी का यह नतीजा है कि प्रदेश में न केवल शराब की तस्करी के मामले बढ़े हैं, अपितु ड्रग समेत गांजा-अफ़ीम के कारोबारियों ने छत्तीसगढ़ को अपने लिए सबसे सुरक्षित ज़गह मानकर प्रदेश की तरुणाई पर यह हमला बोला है.
डॉ. सिंह ने इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय और निष्पक्ष जाँच की ज़रूरत बताते हुए इसमें शामिल सभी दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है.