किसानों के बीच भ्रम फैला रही मोदी सरकार
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राजनांदगांव.
राज्य के कृषकों ने केंद्र सरकार की कृषि विरोधी नीतियों की खिलाफत शुरू कर दी है. उनके द्वारा कारपोरेट परस्त, किसान व कृषि विरोधी कानून के खिलाफ किसान संघ के नेतृत्व में कलकत्ता मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग पर चक्काजाम किया गया.
चक्काजाम करते हुए किसानों ने केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में बनाए गए तीनों कानून को वापस लेने की मांग की.किसानों ने इस अवसर पर कहा कि उनके आंदोलन से बेपरवाह भाजपा की मोदी सरकार किसानों के बीच भ्रम फैलाने विपक्ष की राजनीति कहकर अपना पल्ला झाड़ रही है.
केंद्र सरकार की संवेदनहीनता से आक्रोशित देश के किसानों ने 27 नवंबर तक देशव्यापी आंदोलन की रूपरेखा तय की है. राज्य में किसान, मजदूर एवं सामाजिक संगठनों के समन्वय से बनी छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ की बैठक 30 अक्टूबर को हुई थी जिसमे राज्य में भी चरणबद्ध किसान आंदोलन की रूपरेखा बनी.
इसकी शुरुआत 02 अक्टूबर गाँधी जयंती के अवसर पर एक दिनी उपवास और राजभवन मार्च से हुई थी. अगले दिन राजनांदगांव में चक्काजाम किया गया.
चक्काजाम को समर्थन देने जिला पंचायत महासमुंद के सदस्य जागेश्वर (जुगनू) चंद्राकर, अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा छत्तीसगढ़ के उपाध्यक्ष मदनलाल साहू, छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संचालक मंडल सदस्यगण पारसनाथ साहू, तेजराम विद्रोही, ठाकुर रामगुलाम सिंह, वेगेंद्र सोनबेर, गिरधर मढ़रिया शामिल हुए.