पुलिस यूपी की हो चाहे छग की, गरीबों की नहीं सुनती !

शेयर करें...

नेशन अलर्ट / 97706 56789

जशपुर.

चाहे उत्तर प्रदेश की पुलिस हो . . . चाहे छत्तीसगढ़ की . . . अथवा कहीं की भी क्यूं न हो . . . उस पर यह आरोप लगते रहा है कि वह गरीबों की बिल्कुल भी नहीं सुनती . . . उल्टे गरीबों को अपमानित करने वाला कार्य ठीक उस तरह से किया जाता है जिस तरह से जशपुर जिले के कुनकुरी थाने की पुलिस ने किया है.

जशपुर जिलांतर्गत कुनकुरी थाने में बयान देने आई नाबालिग बच्ची को महिला उपनिरीक्षक ( एसआई ) द्वारा माता पिता के सामने ही चप्पल से बुरी तरह पीटने का आरोप लगा है.

बताया जाता है कि बच्ची लापता हो गई थी, जिसे दो दिन पहले अंबिकापुर पुलिस ने ढूंढ निकाला. नाबालिग बच्ची को बुरी तरह से पीटने के बाद बच्ची के परिजनों ने थाने में जमकर हंगामा किया. आला अधिकारी इस मामले की जांच करने की बात कह रहे हैं.

क्या हैं आरोप ?

कांसाबेल थाना क्षेत्र की एक नाबालिग बच्ची लापता हो गयी थी, जिसे दो दिन पहले पुलिस ने अंबिकापुर से बरामद कर लिया. उसे पूछताछ के लिए कांसाबेल थाना ले आये लेकिन कांसाबेल में महिला पुलिस अधिकारी नहीं होने के कारण बच्ची का बयान लेने के लिए कांसाबेल से कुनकुरी थाना लाया गया.

कुनकुरी थाने में महिला एसआई नाबालिग से पूछताछ शुरू की. उसी दौरान नाबालिग के किसी जवाब से महिला एसआई को इतना गुस्सा आया कि उसने नाबालिग को उसके माता-पिता के सामने ही चप्पल से पीटना शुरू कर दिया.

बच्ची के माता-पिता ने बताया कि वे महिला एसआई के सामने हाथ जोड़ते रहे, मिन्नतें करते रहे लेकिन एसआई का दिल नहीं पसीजा. वह बच्ची को आरोपी की तरह पिटती रही. थक हारकर आखिर में बच्ची के घरवालों ने थाने में ही हंगामा शुरू कर दिया.

कुनकुरी में पदस्थ अनुविभागीय पुलिस अधिकारी ( एसडीओपी ) मनीष कुवर का कहना है कि घटना की जानकारी उन्हें मिली है. पीड़ित पक्ष की शिकायत आने पर जांच के बाद कार्यवाही की जाएगी.

एसडीओपी मनीष के बताए मुताबिक नियम और कानून यह कहता है कि नाबालिग बच्चों को बयान या कथन के लिए थाना नहीं बुला सकते. सिविल ड्रेस में उनके घर जाकर बयान या कथन लेना है लेकिन यहां ऐसा क्यूं नहीं हुआ इसकी जांच की जाएगी.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *