अवाम पुरातनपंथी ताकतों के खिलाफ खड़ा है
देश की एकता को बचाने की कल शपथ लेंगे वामपंथी कार्यकर्ता
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रायपुर.
वामपंथी पार्टियों के देशव्यापी आह्वान पर कल 15 अगस्त को छत्तीसगढ़ में भी तीन वामपंथी पार्टियों के कार्यकर्ता शपथ लेंगे. इनके द्वारा संविधान, देश के संघीय ढांचे, धर्मनिरपेक्षता, नागरिक अधिकारों की रक्षा सहित देश की एकता को बचाने के लिए संघर्ष को आगे बढ़ाने का संकल्प दोहराया जाएगा.
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के संजय पराते, भाकपा के आरडीसीपी राव, भाकपा (माले)-लिबरेशन के बृजेन्द्र तिवारी ने आज जारी एक बयान में इस विषय पर जानकारी दी.
इन्होंने कहा कि आरएसएस नेतृत्व वाली भाजपा सरकार कोरोना महामारी से निपटने और आम जनता को राहत पहुंचाने के बजाए इस संकट की आड़ में अपनी कॉर्पोरेटपरस्त नीतियों को आगे बढ़ाने में लगी हुई है.
इनके अनुसार इसके लिए संविधान के बुनियादी मूल्यों, देश के संघीय ढांचे, धर्मनिरपेक्षता और आम जनता के लोकतांत्रिक और नागरिक अधिकारों पर ही बड़े पैमाने पर हमले कर रही है.
इसके साथ ही, आजादी के आंदोलन के दौरान विकसित आम जनता की एकता को तोड़ने के लिए वह देश में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को तेज करने के लिए मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय को अपना निशाना बना रही है.
. . . तो राष्ट्र विरोधी करार देती है सरकार
वाम नेताओं ने कहा है कि संसद, न्यायपालिका, चुनाव आयोग, सीबीआई सहित देश की सभी संवैधानिक संस्थाएं आज खतरे में हैं. उनकी संविधानप्रदत्त स्वायत्तता और स्वतंत्रता पर हमला किया जा रहा है.
सरकार और उसकी नीतियों के खिलाफ किसी भी असंतोष को “राष्ट्र विरोधी” करार दिया जा रहा है. राजनैतिक-सामाजिक कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवियों को यूएपीए और राष्ट्रद्रोह जैसे काले कानूनों के तहत गिरफ्तार करके जेल भेजा जा रहा है. केंद्र सरकार जिस तरह अपने हाथों में शक्तियों का केंद्रीकरण कर रही है, वह संविधान में उल्लेखित देश के संघीय ढांचे के ही खिलाफ हैं.
वामपंथी पार्टियों ने कहा है कि यदि हमें देश की आजादी की रक्षा करनी है, तो धर्मनिरपेक्षता सहित संविधान के बुनियादी मूल्यों तथा संविधान द्वारा स्वीकृत नागरिक अधिकारों की रक्षा करनी होगी.
आज भाजपा सरकार कॉरपोरेटों के हितों को आगे बढ़ाने के लिए संविधान को दरकिनार और निष्प्रभावी करना चाहती है. समता पर आधारित एक आधुनिक और वैज्ञानिक दृष्टि संपन्न समाज निर्माण की जगह मनु आधारित हिंदू वर्णवादी व्यवस्था को लागू करना चाहती है.
वाम नेताओं ने कहा है कि देश का अवाम पुरातनपंथी ताकतों के खिलाफ खड़ा है. वह किसी भी हालत में संघी गिरोह की चाल को कामयाब नहीं होने देगा.
आज़ादी के दौरान और उसके बाद हासिल उपलब्धियों की रक्षा करने के संघर्ष में वामपंथी ताकतें हमेशा आगे रही है. आज भी वह केंद्र सरकार की कॉर्पोरेट परस्ती, संविधान को दफ्न करने की उसकी कोशिशों की खिलाफत कर रहीं हैं.
वामपंथी दल नागरिक अधिकारों और उसकी आजीविका व धर्मनिरपेक्ष मूल्यों पर हो रहे हमलों के खिलाफ आम जनता को संगठित करने के उद्यम में लगे हुए हैं.
इसी संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए वामपंथी पार्टियों और उनके जन संगठनों के कार्यकर्ता कल पूरे प्रदेश में संविधान की रक्षा करने और देश को बचाने की शपथ लेंगे.