अफवाह और शक के आधार पर मुस्लिम युवक सुकमा प्रशासन की कैद में
माकपा का सनसनीखेज आरोप ; एसडीएम ने दी जेल भेजने की धमकी
नेशन अलर्ट / 97706 56789
रायपुर.
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने शाहनवाज़ अहमद नामक एक मुस्लिम युवक को अफवाह और शक के आधार पर सुकमा प्रशासन द्वारा बंधक बनाने का आरोप लगाया है. उसे मुक्त करने की मांग माकपा ने की है.
पूरे मामले की जानकारी देते हुए माकपा के छत्तीसगढ़ राज्य सचिव संजय पराते ने बताया कि यह युवक मूल रूप से बिहार का रहने वाला है. विगत पांच वर्षों से सुकमा जिले के तोंगपाल में जीवन यापन कर रहा है.
4 जुलाई को वह बिहार से तोंगपाल पहुंचा, तो उसे 17 जुलाई तक के लिए क्वारंटाइन कर दिया गया. इसी बीच संघ-भाजपा समर्थकों ने उसके तबलीगी जमात से संबंध होने और कोरोना पॉजिटिव होने की अफवाह उड़ा दी.
इसके बाद प्रशासन ने उसे 16 जुलाई को जबरदस्ती तोंगपाल के ही क्वारंटाइन सेंटर में बंद कर दिया. फिर उसे 21 जुलाई को मेडिकल कॉलेज, जगदलपुर ( मेकॉज ) में भर्ती करा दिया.
युवक का दावा है कि कोरोना का इलाज किए बिना और उसके पॉजिटिव या नेगेटिव होने की रिपोर्ट दिए बिना अस्पताल प्रशासन ने उसे 27 जुलाई को डिस्चार्ज कर दिया.
लेकिन उसे फिर प्रशासन ने अपने कब्जे में ले लिया है और जबरन उसे सुकमा स्थित क्वारंटाइन सेन्टर में कैद किए हुए है.
जारी की रिकार्डिंग
पराते ने इस युवक के साथ हुई टेलिफोनिक बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग भी मीडिया के लिए जारी की है.
इसमें वह कह रहा है कि प्रशासन उसके साथ किसी आतंकवादी की तरह व्यवहार कर रहा है. अपना मामला उजागर करने पर एसडीएम उसे जेल भेजने की धमकी दे रहे हैं.
माकपा नेता ने कहा कि अपनी बीमारी की वास्तविक स्थिति और रिपोर्ट के बारे में जानना हर मरीज का अधिकार है. शाहनवाज़ नामक यह युवक 4 जुलाई से प्रशासन के कब्जे में है.
यदि वह पॉजिटिव है, तो उसका इलाज किए बिना मेकॉज द्वारा उसे डिस्चार्ज करना गंभीर मामला है. यदि वह नेगेटिव है, तो प्रशासन द्वारा उसे जबरन क्वारंटाइन में रखना और भी गंभीर मामला है.
माकपा का आरोप है कि युवक के मुस्लिम होने की वजह से उसका संबंध तबलीगियों से होने की और उसके कोरोना पॉजिटिव होने की अफवाह फैलाकर उसे प्रताड़ित किया जा रहा है. उसकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता और मानवाधिकारों का हनन किया जा रहा है.
माकपा ने इस युवक को तुरंत रिहा करने की या उसके पॉजिटिव होने पर उसका अस्पताल में इलाज कराए जाने की मांग की है.
माकपा ने यह भी मांग की है कि पूरे मामले के संबंध में आम जनता के बीच फैले भ्रम को दूर करने के लिए जिला प्रशासन स्पष्टीकरण जारी करें.
इस संबंध में माकपा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी पत्र लिखा है. संबंधित युवक के पक्ष में हस्तक्षेप करने की मांग माकपा ने मुख्यमंत्री से की है.