सीएम हाउस घेरने निकले तो घबराई पुलिस ने डीएसपी पर दर्ज किया जुर्म लेकिन . . .
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रायपुर / दुर्ग.
अब ( कब ) होगा न्याय . . . थप्पड़बाज पुलिस उप अधीक्षक ( डीएसपी ) पर जुर्म दर्ज कराने की जद्दोजहद कर रहे मृतिका के परिजन जब शव लेकर सीएम हाउस घेरने निकले तो घबरा कर पुलिस ने अपराध पंजीबध्द कर लिया. मृतिका के परिजन लेकिन जिन धाराओं में डीएसपी व उसकी सहेली पर जुर्म दर्ज किया गया है उससे संतुष्ट नहीं हैं. फिलहाल फरारी के चलते गिरफ्तारी नहीं हो पाई है.
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ पुलिस के लिए लट्ठमार पुलिसिंग के बाद अब थप्पड़मार डीएसपी परेशानी का सबब बनीं हुई हैं.
पहले लट्ठमार पुलिसिंग को लेकर राजधानी रायपुर की पुलिस निशाने पर थी और अब राज्य के मुख्यमंत्री – गृहमंत्री के जिले दुर्ग पुलिस सवालों के कटघरे में खडी़ है.
दरअसल, दुर्ग जिले में एक ऐसी वाहियात घटना घटी है कि जिससे पुलिस व उसके अधिकारी-कर्मचारी गलत कारणों से चर्चा में हैं.
डीएसपी पर महिला की जान लेने का आरोप
आरोप है डीएसपी अनामिका जैन श्रीवास्तव और उसकी सहेली पायल ने शुक्रवार की रात हंगामा किया था. यह हंगामा इतना महंगा पडा़ कि एक अन्य महिला को अपनी जान देनी पडी़.
बताया जाता है चरोदा निवासी मृतका को उसकी बेटी व परिवार वालों के सामने जलील कर डीएसपी अनामिका ने उसे थप्पड़ मारा था.
इस तरह अपने अपमान से आहत होकर महिला ने आत्महत्या कर ली थी. डीएसपी ने मृतिका पर आरोप लगाया था कि उसके पति से उसके अवैध संबंध हैं.
इस घटना के विरोध में परिजनों और मोहल्ले वालों ने कल यानिकि शनिवार शाम को ही भिलाई 3 थाने के सामने शव रखकर प्रदर्शन किया था. वह डीएसपी पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे.
डीएसपी पर अपराध दर्ज करने की मांग परिजनों द्वारा की गई थी, लेकिन पुलिस ने मामले को हल्के में न जाने क्यूं लिया? उसके आश्वासन के बाद सभी शव लेकर चले गए थे.
शनिवार के बाद रविवार भी आ गया लेकिन पुलिस ने अपने विभाग की एक डीएसपी पर आरोप के चलते कोई कदम नहीं उठाया. इसने आग में जैसे घी का काम किया और परिजनों के गुस्से को बढा़ दिया.
इसके बाद रविवार को सभी फिर से थाने पहुंचे और अपराध दर्ज करने की मांग की. पुलिस की तरफ से हील हवाला किए जाने के चलते भिलाई 3 पदुम नगर स्थित सीएम हाउस के सामने शव रखकर प्रदर्शन करने के लिए रवाना हुए.
इससे दुर्ग पुलिस के हाथपांव फूल गए. आक्रोशित लोगों को सीएम हाउस की तरफ जाता देख घबराई पुलिस ने फौरन अपराध दर्ज कर लिया. एफआईआर होते ही आरोपी डीएसपी अनामिका जैन श्रीवास्तव फरार हो गई.
बहरहाल, भिलाई पुलिस ने डीएसपी अनामिका जैन श्रीवास्तव और उसकी सहेली पायल के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा 306, 34 के तहत अपराध क्रमांक 199 / 2020 में अपराध पंजीबद्ध किया है.
पुलिस पर कार्रवाई का दबाव बनाने में सांसद प्रतिनिधि मनोज पाठक, एस वेंकट रमना, संदीप सिंह, भाजपा मंडल अध्यक्ष दिलीप पटेल, मुकेश अग्रवाल, पूर्व पार्षद वेंकट राव की भूमिका रही.
अमलेश्वर स्थित सीएएफ की तीसरी बटालियन में उप सेनानी अनामिका जैनन श्रीवास्तव पुलिस सेवा में शुरुआत के दौरान भिलाई – 3 थाने में प्रशिक्षु अधिकारी के रूप में सेवा दे चुकी है. वह अपने विरूद्ध कायमी होते ही अपनी सहेली के साथ फरार बताई जा रही है.