मुख्यमंत्री क्या वाकई पुलिस के प्रदर्शन से नाराज हैं ?
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रायपुर.
राज्य के मुख्यमंत्री क्या वाकई राज्य की पुलिस के प्रदर्शन से नाराज हैं ? उनकी नाराजगी इस हद तक बताई जाती है कि पुलिस महानिदेशक को पुलिस महानिरीक्षकों सहित जिलों के पुलिस अधीक्षकों से कानून व्यवस्था को लेकर आनन फानन में चर्चा करनी पड़ी है.
दरअसल, राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति दिन प्रतिदिन खराब हुए जा रही है. पुलिस से यहां अपराधी कितना डरते हैं यह इस बात से समझ आता है कि उप पुलिस अधीक्षक को फोन पर धमकी दे दी जाती है.
और तो और राज्य के पूर्व मंत्री को फोन पर धमकाने का भी काम इसी राज्य में होता है. साथ ही साथ आए दिन होने वाली छेडख़ानी, बलात्कार, अपहरण, हत्याओं जैसे अनगिनत मामलों में पुलिस का कमजोर पहलू स्वयंमेव उजागर हो जाता है.
चुनाव के बाद बदल सकती है राजधानी की पुलिस
अब भाजपा भी कानून व्यवस्था को लेकर सरकार को कटघरे में खडा करने पर उतारू हो गई है. राजधानी रायपुर के विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने जहां एक ओर कानून व्यवस्था के नाम पर सरकार को ललकारा है वहीं दूसरी ओर देश की संसद में छत्तीसगढ़ में बढ़ रही अपराधिक घटनाओं का मसला उठ चुका है.
यह काम राजनांदगांव के सांसद संतोष पांडे ने किया है. संसद में सवाल उठाते हुए छत्तीसगढ़ की अपराधिक गतिविधियों पर प्रभावी रोक लगाने में राज्य सरकार की पुलिस की नाकामी पर सीधे तौर पर सांसद पांडेय ने प्रहार किया है.
इसके बाद से राज्य की पुलिस के साथ सरकार पर दबाव बढऩे लगा है. मुख्यमंत्री सचिवालय के अंदरखाने की खबर में बताया तो यह तक जाता है कि राज्य के संवेदनशील मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व राज्य के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू पुलिस खास करके राजधानी की पुलिस के प्रदर्शन से बेहद खफा हैं.
सलाहकार कहते हैं कि चूंकि अभी शहरी सत्ता के चुनाव चल रहे हैं इसकारण सरकार कोई बड़ा कदम उठाने के विषय पर जोर नहीं लगा रही है. लेकिन तय माना जा रहा है कि नगरीय निकाय के चुनाव होते ही राज्य की पुलिस के साथ राजधानी रायपुर की पुलिस का भी रूप रंग बदल जाएगा.
तब राजधानी रायपुर में थाना स्तर के अलावा सीएसपी, एएसपी, एसपी के बदले जाने की सुगबुगाहट अभी से सुनाई देने लगी है.
. . . लेकिन तब तक इतनी देर न हो जाए कि पुलिस में किया जाने वाला फेरबदल भी नाकाफी हो ?
11 महीने में 210 घटनाएं
सारा मामला तब बिगड़ा जब प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री व रायपुर से विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने इस विषय पर पत्रकार वार्ता ली. उन्होंने खुले तौर पर कहा कि अकेले रायपुर में ही बीते 11 माह के दौरान इस तरह की 210 घटनाएं घट चुकी हैं.
साथ ही साथ बृजमोहन अग्रवाल का आरोप था कि इस अवधि में प्रदेश में बलात्कार के 891 और छेड़छाड़ के 422 प्रकरण दर्ज हुए हैं.
जिस राजधानी में पुलिस के आला अधिकारी रहते हैं, मंत्री-मुख्यमंत्री रहा करते हैं उस राजधानी में प्रदेश के अपराधों का 20 प्रतिशत अपराध यह बताता है कि राजधानी की पुलिस किस हद तक सक्रिय है.