शांति कक्ष में ध्यान लगाओ, संभव हो तो विवाद से मुक्ति पाओ
नेशन अलर्ट/कवर्धा.
पुलिस अधीक्षक ने परिवारों को टूटने से बचाने के लिए एक अच्छी पहल की है। एसपी की पहल पर पुलिस ने यहां शांति कक्ष का निर्माण किया है जिसमें बैठकर ध्यान लगाया जा सकेगा। ध्यान लगाने के बाद यदि संभव हुआ तो विवाद से मुक्ति पाकर एक बार फिर से पति पत्नी साथ में मिलजुल कर रह सकेंगे।
कवर्धा की पुलिस लाइन में पारिवारिक विवादों को निपटाने वाली महिला सेल का दफ्तर है। इसी ऑफिस के एक कक्ष को एसपी डॉ.लाल उमेंद सिंह की पहल पर शांति कक्ष का रूप देते हुए इसका शुभारंभ कर दिया गया है। शुभारंभ के अवसर पर एसपी सहित पुलिसकर्मियों ने कक्ष में ध्यान भी लगाया था।
एसपी सिंह बताते हैं कि कई मर्तबा पति और पत्नी में दोनों गुस्से में होते हैं और इस दौरान शुरू हुआ झगड़ा बढ़ते चला जाता है। अंत में परिवार टूटने की कगार पर पहुंच जाता है। सिंह के शब्दों में इसी टूटन से बचाने के लिए शांति कक्ष का हमने निर्माण करवाया है।
वह कहते हैं कि ऐसे मामले जो कि पुलिस तक आते हैं उन मामलों का निराकरण करने की जिम्मेदारी महिला सेल के अधीन है। इसे क्राइम अगेंस्ट वूमेन सेल के भी नाम से जाना जाता है। सेल का काम पति पत्नी के बीच के विवादों को निपटा कर एक राय बनाने का होता है।
पुलिस अधीक्षक उमेंद बताते हैं कि काउंसलिंग कर दोनों को रिश्ते संभालने की सलाह दी जाती है। यदि बात बनी तो ठीक, नहीं बनी तो आरोपियों पर थाने में केस दर्ज करने का काम महिला सेल करती है। अब महिला सेल रपट लिखने और लिखाने के पहले पति पत्नी दोनों से आपसी विवाद के निपटारे के लिए ध्यान लगवाने का काम करेगी।
सिंह के शब्दों में मेडिटेशन कराने जिस कक्ष का इस्तेमाल होगा उसका नाम शांति कक्ष रखा गया है। यहां शांति के साथ पति पत्नी एक दूसरे पर लगाए गए आरोपों से परे अपने रिश्ते को बचाने का प्रयास कर सकेंगे। कक्ष में बैठने की व्यवस्था के साथ ही मन को शांत करने कपूर भी जलाया जाएगा। धीमी आवाज में योग करने वाले गीत बजेंगे। एसपी को उम्मीद है कि इससे टूटते हुए परिवार बचाने की दिशा में पुलिस एक कदम आगे बढ़ेगी।