जिसे पुलिस ने दी क्लीन चिट उसे अदालत ने पाया आरोपी
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कोरबा.
विभागीय जांच में क्लीन चिट प्राप्त कर चुके प्रधान आरक्षक व आरक्षक को अंतत: परिवाद की सुनवाई के दौरान अदालत ने छेडख़ानी का आरोपी पाया है. अब अदालत के निर्देश पर इन पर दर्री (कोरबा) पुलिस ने अपराध दर्ज किया है.
मामला तकरीबन सालभर पुराना है. महिला आरक्षक दर्री थाने में पदस्थ थी. उसका निवास एनटीपीसी के कृष्णा विहार कॉलोनी में था.
उसने आरोप लगाया था कि उसके साथ प्रधान आरक्षक मानसिंग कंवर व आरक्षक योगेश रात्रे ने छेडख़ानी की है. गाली गलौज के साथ छेडख़ानी करने का आरोप लगाते हुए महिला आरक्षक ने इसकी शिकायत पुलिस अधीक्षक से की थी.
पुलिस अधीक्षक ने जांच का आदेश करते हुए दर्री के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक पुष्पेंद्र बघेल को जांच का जिम्मा सौंपा था. विभागीय जांच कराई गई. इसमें दोनों को विभाग से क्लीन चिट मिल गई थी.
विभागीय जांच में क्लीन चिट मिलने के बावजूद प्रधान आरक्षक-आरक्षक की परेशानी कम नहीं हो पाई क्योंकि महिला आरक्षक ने न्यायालय में परिवार दायर कर दिया.
प्रथम श्रेणी न्यायालय ने दिया निर्देश
महिला आरक्षक ने निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर प्रथम श्रेणी न्यायालय कटघोरा में परिवार दायर किया था. इसकी सुनवाई के बाद दोनों को प्रथम दृष्टया आरोपी पाया गया है.
अदालत ने निर्देश दिया है कि प्रधान आरक्षक व आरक्षक पर अपराध दर्ज किया जाए. इस पर दर्री (कोरबा) पुलिस ने दोनों पुलिसकर्मियों पर भादंवि की धारा 354, 354 घ, 341, 294, 34 के तहत अपराध दर्ज कर लिया है.