धर्म के नाम पर वोट मांगा, सांसद प्रज्ञा को हाईकोर्ट ने थमाई नोटिस

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भोपाल.

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से सांसद चुनी गईं प्रज्ञा ठाकुर की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. पार्टी के भीतर और बाहर लगातार विवादों में रही प्रज्ञा पर अब आम लोगों की भी नजर टेढ़ी हो गई है. इसी तरह के एक मामले में उन्हें हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर चार हफ्ते में जवाब प्रस्तुत करने की मोहलत दी है.

उल्लेखनीय है कि भोपाल निवासी राकेश दीक्षित ने एक चुनाव याचिका हाईकोर्ट में दायर की है. इस याचिका में उन्होंने प्रज्ञा ठाकुर पर आरोप लगाया है कि उन्होंने धर्म के नाम पर वोट मांगे हैं. शिकायतकर्ता ठाकुर कहते हैं कि सांसद प्रज्ञा ने लोगों की सांप्रदायिक और धार्मिक भावनाओं को आहत किया है. इसी आधार पर वह साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के निर्वाचन को शून्य किए जाने की अपील लेकर हाईकोर्ट पहुंचे हैं.

सीडी, अखबारों की कटिंग पेश की

याचिका में उल्लेखित किया गया है कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने लोकसभा चुनाव के दौरान धार्मिक और सांप्रदायिक भावनाएं भड़काने संबंधी बयान दिए थे. धर्म के नाम पर उन्होंने वोट की अपील की थी.

इसे लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123 ए और बी का उल्लंघन याचिका में बताया गया है. आरोपों के संबंध में याचिकाकर्ता ने साध्वी के बयानों की सीडी के अलावा अखबारों की कटिंग और अन्य सामग्री भी कोर्ट में प्रस्तुत की है.

शिकायत इस बात पर भी है कि साध्वी प्रज्ञा ने अपने प्रतिद्वंद्वी दिग्विजय सिंह के संबंध में चुनाव प्रचार के दौरान अनर्गल आरोप लगाए थे. तब प्रज्ञा ने दिग्विजय सिंह को भगवा आतंकवाद कहकर हिंदू धर्म को बदनाम करने की साजिश रचने वाला संबंधी बयान दिया था.

अधिवक्ता अरविंद श्रीवास्तव बताते हैं कि साध्वी प्रज्ञा ने चुनाव प्रचार के दौरान बाबरी मस्जिद के विषय सहित मुंबई के आतंकी हमले में शहीद हुए पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे को लेकर भी भड़काऊ भाषण दिए थे. इस पर उन्हें चुनाव आयोग द्वारा लगाए गए प्रचार प्रतिबंध जैसी कार्यवाही झेलनी पड़ी थी.

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