क्या अभिषेक सिंह को घेर रही है सरकार?
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रायपुर/राजनांदगांव.
पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र, राजनांदगांव के पूर्व सांसद अभिषेक सिंह को क्या सरकार घेर रही है? क्या अभिषेक से होते हुए डॉ. रमन सिंह को घेरना चाहती है राज्य सरकार?
दरअसल यह सवाल इसलिए किए जा रहे हैं क्योंकि पूर्व सांसद अभिषेक सिंह और उनके नजदीकी रहे रणनीतिकारों को लेकर राज्य सरकार का रूख कठोर नजर आ रहा है.
पहले सिंह फिर कोठारी
राजनीति के जानकार बताते हैं कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने जो आरोप विपक्ष में रहते हुए डॉ. रमन सिंह और उनके परिवार पर लगाए थे उन आरोपों पर कार्यवाही होना शुरू हो गई है.
ऐसे ही मामले में चिटफंड कंपनी का नाम लिया जा सकता है. चिटफंड कंपनी के मामले में पूर्व सांसद अभिषेक सिंह को आरोपी बनाया गया है. मामले में राजनांदगांव के एक और पूर्व सांसद व महापौर मधुसूदन यादव सहित कांग्रेस से भाजपा और फिर कांग्रेस में लौट आए नरेश डाकलिया का भी नाम है.
इसके अलावा कृषि खाद बीज के धंधे से जुड़े सौरभ कोठारी पर अलग से प्रशासनिक कार्यवाही चल रही है. सौरभ के कृषि केंद्र पर राजनांदगांव के कृषि विभाग ने गत दिनों छापा डाला था.
सौरभ को भारतीय जनता युवा मोर्चा का पूर्व पदाधिकारी होने के अलावा जिला भाजपा का कोषाध्यक्ष बताया जाता है. इसके अतिरिक्त उनकी पहचान अभिषेक के रणनीतिकारों के रूप में रही है.
डॉ. रमन सिंह के एक और परिजन पर शिकंजा कसने की तैयारी की जा रही है. यह सचिन सिंह बघेल को घेरने से समझ आता है. बघेल, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित राजनांदगांव के अध्यक्ष रह चुके हैं.
सचिन सिंह बघेल को भी अभिषेक सिंह का मार्गदर्शक माना जाते रहा है. मतलब अभिषेक के अलावा उनके नजदीकी दो लोगों (सौरभ-सचिन) पर कार्यवाही की तलवार लटका दी गई है.
बहरहाल सरकार की मंशा चाहे जो भी हो लेकिन अभिषेक को कानूनी कार्यवाही का सामना करना ही पड़ेगा. यदि वह कानूनी कार्यवाही में बेदाग साबित हुए तो सरकार पर बदलापुर की राजनीति करने का उनके पिता डॉ. रमन सिंह का आरोप सही साबित हो जाएगा.
लेकिन यदि कहीं कानूनी कार्यवाही में अभिषेक सिंह दागदार साबित हुए तो वह सारे आरोप उनके खिलाफ सहीं साबित होंगे जो आरोप कांग्रेस विपक्ष में रहते हुए तत्कालीन भाजपा सरकार पर लगाते रही है.