पाली : 96 घंटे बाद हो रही जलापूर्ति
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भगत की कोठी.
पाली… राजस्थान का एक जिला… पहले 48 घंटे और अब 96 घंटे के बाद पाली में जलापूर्ति की जा रही है. पाली अभूतपूर्व जल संकट से जूझ रहा है. उसकी मदद के लिए रेल्वे ने भी हाथ बढ़ाया है.
जोधपुर शहर के एक हिस्से भगत की कोठी स्टेशन से रेल्वे ने पानी से भरे ट्रेन के वैगन पाली के लिए रवाना किए हैं. ऐसा दस साल बाद हुआ है.
पचास की मांग तीस उपलब्ध
दरअसल पाली में जल संकट को देखते हुए जलदाय विभाग ने रेल्वे से पचास वैगन मांगे थे. रेल्वे ने अब तक तीस वैगन उपलब्ध करवाए हैं. मतलब जितना पानी भेजा जाना तय हुआ था उसका 60 प्रतिशत ही भेजा जा सकेगा.
उल्लेखनीय है कि जलदाय विभाग की ओर से चार फेरो में पाली तक सौ लाख लीटर पानी लाने की योजना बनाई गई थी. इसके लिए पचास वैगन मांगे गए थे. जबकि रेल्वे तीस वेगन उपलब्ध करा पाया है.
प्रत्येक वैगन पचास हजार लीटर का होता है. तीस वैगन लेकर एक मालगाड़ी एक फेरे में 15 लाख लीटर पानी लेकर पाली पहुंचेगी. एक फेरे में कम से कम 25 लाख लीटर पानी आने पर ही चार फेरों में पाली की 100 लाख लीटर पानी की मांग पूरी हो सकती है.
मौसम दरअसल पाली से रूठा हुआ नजर आता है. पाली को प्रत्येक दिन 34 एमएलडी पानी की जरूरत होती है. पहले 48 घंटे के बाद जलापूर्ति की जा रही थी. पानी का संकट बढऩे पर अब 96 घंटे के बाद पाली के नागरिकों को पानी मिल रहा है.
96 घंटे के हिसाब से देखा जाए तो 24 एमएलडी पानी की जरूरत रोजाना पाली शहर को होगी. इसमें से 10 एमएलडी पानी रोजाना ट्रेन से मंगाने की योजना तैयार की गई थी.
14 एमएलडी पानी को हवाई जहाज से लाने की योजना भी तैयार है. जोधपुर से कम पानी पहुंचने से अब 14 की जगह और ज्यादा मात्रा में पानी हवाई जहाज से लाना पड़ेगा.
इधर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारी अभी भी बारिश के भरोसे बैठे हैं. उनका दावा है कि आगामी तीन दिनों में बारिश यदि नहीं हुई तो बीस वैगन और मिल जाएंगे.
गत तीन दिनों से समदड़ी में वाटर ट्रेन खड़ी थी. इसे आज पानी भरने हाइडेंट लगे ट्रैक पर लगाया गया. ट्रेन के वैगन भरने के बाद ट्रेन पाली के लिए रवाना की गई. इसके पहले न्यू पावर हाऊस स्थित हौद के पंप व हाइडेंट के वाल्व भी जांचे गए. जो वाल्व खराब थे उन्हें सुधारा गया है.