बस्तर रेंज में एडीजी तैनात करने की तैयारी

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रायपुर.

राज्य व केंद्र की बदली हुई राजनीतिक परिस्थितियों के बीच प्रदेश के सर्वाधिक नक्सल प्रभावित बस्तर रेंज में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) रैंक के अफसर को तैनात करने की तैयारी की खबर है. यदि ऐसा होता है तो पहली मर्तबा सरकार किसी एडीजी रैंक के अफसर को बस्तर में तैनात करेगी.

उल्लेखनीय है कि राज्य निर्माण के पहले से बस्तर में नक्सलवाद गंभीरता से आगे बढ़ रहा था. राज्य निर्माण के बाद भी इसमें किसी तरह की कमी नहीं आई है. अब तक हुए ऑपरेशंस इसकी पुष्टि करते हैं.

गंभीरता से ले रही सरकार

दरअसल राज्य में पंद्रह साल के बाद कांग्रेस की सरकार बनी है. कांग्रेस की तमाम तरह की कोशिश के बावजूद भी केंद्र में भाजपा की सरकार एक बार पुन: बन गई है. इसके बाद से कांग्रेस राज्य में नक्सलवाद समस्या को गंभीरता से ले रही है.

अधिकारिक सूत्र बताते हैं कि जब से केंद्र में गृहमंत्री का पद अमित शाह ने संभाला है तब से यहां फूंक फूंक कर कदम उठाए जा रहे हैं. यह अमित शाह का दबदबा है कि छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार अब नक्सलवाद में अपनी रणनीति का पुन: अवलोकन करने लगी है.

अब यदि राज्य में किसी भी तरह से कोई नक्सलवादी घटना हुई तो छत्तीसगढ़ के अफसरों को केंद्र को जवाब देने में मुश्किल होगी. पहले ऐसा नहीं हो पाता था. तब अफसर किंतु परंतु करके स्थिति को संभाल ले जाते थे.

40 बटालियन तैनात हैं

अधिकारिक जानकारी बताती है कि बस्तर रेंज में केंद्रीय सुरक्षा बलों की लगभग 40 बटालियन तैनात है. साथ ही साथ 6 डीआईजी रैंक के अफसर भी वहां पदस्थ हैं.

बस्तर को देश में अति संवेदनशील संभाग माना जाता है. राज्य के आईजी स्तर के अफसर को भी केंद्रीय बटालियनों में पदस्थ डीआईजी रैंक के अफसर आंख दिखाते रहते हैं. बदली हुई परिस्थिति में यह गंभीर विषय हो सकता है.

अब यदि कोई नक्सली घटना घटी तो राज्य व केंद्रीय बल आमने सामने हो सकते हैं. केंद्रीय बलों से आपसी समन्वय बनाने के लिए अब राज्य सरकार एडीजी रैंक के अफसर को बस्तर में पदस्थ करने की रणनीति पर सोच रही है.

फिलहाल वहां आईपीएस विवेकानंद सिन्हा आईजी बतौर पदस्थ हैं. उन्हें हाल फिलहाल होने वाले फेरबदल में बस्तर रेंज से निकालने की खबर सुनाई देते रही है.

यदि बस्तर रेंज में एडीजी रैंक का अफसर पदस्थ होगा तो उसके लिए दो नाम प्रमुखता से चर्चा में सुनाई दे रहे हैं. हालांकि दोनों का प्रमोशन ड्यू है लेकिन इसके आदेश कभी भी जारी हो सकते हैं.

पूर्व में राजनांदगांव सहित बस्तर एसपी रह चुके आईपीएस जीपी सिंह के पास नक्सल रेंज दुर्ग में आईजी का दायित्व संभालने का भी अनुभव है.फिलहाल सिंह ईओडब्ल्यू में पदस्थ हैं. उन्हें ईओडब्ल्यू से निकाल बस्तर भेजा जा सकता है.

इसी तरह पूर्व में बस्तर एसपी के अलावा नक्सल प्रभावित सरगुजा व दुर्ग रेंज में बतौर आईजी पदस्थ डॉ. हिमांशु गुप्ता को प्रमोट कर एडीजी बनाते हुए बस्तर में पदस्थ किया जा सकता है. आईपीएस सिंह से ज्यादा गुप्ता का नाम बस्तर के लिए सुनाई देते रहा है.

यदि किसी कारणवश एडीजी बस्तर में पदस्थ नहीं किए जाते हैं तो फिर सीनियर आईजी इसके लिए चुने जा सकते हैं। इनमें सबसे पहले दीपांशु काबरा का नाम चर्चा में है.

आईपीएस काबरा नक्सल प्रभावित दुर्ग रेंज आईजी रहने के साथ ही नक्सल इंटेलिजेंस ब्रांच एसआईबी ( SIB ) संभाल चुके हैं.

दूसरे आईपीएस प्रदीप गुप्ता हो सकते हैं. वह फिलहाल बिलासपुर आईजी के पद पर पदस्थ हैं. पूर्व में प्रदीप गुप्ता बस्तर रेंज में शामिल कांकेर के पुलिस अधीक्षक रह चुके हैं. गुप्ता को नक्सल प्रभावित दुर्ग रेंज आईजी पद पर काम करने का अवसर मिल चुका है.

बहरहाल विचार विमर्श बडी तेजी से हो रहा है. प्रदेश सरकार बस्तर रेंज को लेकर चिंतित है. देश के गृहमंत्री फिलहाल जम्मू कश्मीर की आतंकी समस्या को लेकर व्यस्त हैं.

वहां से फारिग होते ही वह देश की माओवादी प्राब्लम पर फोकस कर सकते हैं. इसी लिए बस्तर की नक्सल पीडित रेंज में या तो एडीजी या फिर सीनियर आईजी रैंक के अफसर को पदस्थ किया जा सकता है.इसकी तैयारी सरकार कर रही है.

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