रेखा नायर को कोर्ट से राहत मिलना तय?

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नेशन अलर्ट, 97706-56789

रायपुर.

राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) व एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) द्वारा दर्ज की गई एफआईआर पर सूबेदार-एम श्रीमति रेखा मोलजी नायर को कोर्ट से राहत मिलना तय बताया जा रहा है. यदि ऐसा होता है तो यह प्रदेश सरकार व ईओडब्ल्यू पर गंभीर सवाल खड़े करेगा.

उल्लेखनीय है कि रेखा नायर इन दिनों प्रदेश में चर्चा का विषय बनीं हुई हैं. ईओडब्ल्यू-एसीबी के मुखिया ने गत दिनों अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित करवाकर रेखा नायर को कार्य पर उपस्थित होने सात दिन की मोहलत दी थी.

क्यों विवादित हुई रेखा नायर?

दरअसल ईओडब्ल्यू-एसीबी में पदस्थ सूबेदार रेखा का नाम तब विवादों से घिर गया था जब इसके तत्कालीन मुखिया डीजी मुकेश गुप्ता के खिलाफ जांच बैठी थी.

रेखा नायर को मुकेश गुप्ता का बेहद नजदीकी माना जाता है. उन्हें गुप्ता के समय ईओडब्ल्यू-एसीबी में किसी ने देखा भी नहीं था लेकिन उनकी पगार हर माह निकल रही थी.

राज्य सरकार व पुलिस द्वारा माना जाता है कि रेखा ने मुकेश गुप्ता की सरपरस्ती में लाखों करोड़ों की संपत्ति अर्जित की थी.

आय का ब्यौरा नहीं लिया

रेखा पर जैसे ही एफआईआर हुई वैसे ही उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. माना जा रहा है कि कोर्ट से उन्हें राहत मिल सकती है. इसके पीछे कई कारण बताए गए हैं.

चूंकि रेखा नायर की संपत्ति का ब्यौरा लिया गया था लेकिन उनकी आय का कोई ब्यौरा दर्ज नहीं है.

बताया जाता है कि राकेश पांडे की जमीन रेखा नायर की जमीन से लगी हुई है. इस जमीन को भी रेखा नायर से जोड़ दिया गया है.

और तो और मां बाप की संपत्ति भी रेखा नायर से जोड़ दी गई है. अनुसंधान में इस तरह की त्रुटि अथवा कमी या तो जान बूझ कर की गई है या तो ज्ञान की कमी के चलते ऐसा हुआ है.

इन्हीं सबके आधार पर रेखा नायर को राहत दी जा सकती है. हालांकि इस संबंध में नेशन अलर्ट ने ईओडब्ल्यू के अफसरान से बात करने की कोशिश की लेकिन कोई कुछ भी कहने को तैयार नहीं है.

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