दो में से एक सीट जाएगी कुर्मी समाज को
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रायपुर.
लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने प्रदेश की नौ सीटों पर प्रत्याशी की घोषणा कर दी है लेकिन इसमें कुर्मी समाज के किसी व्यक्ति का नाम नहीं है. माना जा रहा है कि घोषणा के लिए बची दो में से एक सीट से कुर्मी प्रत्याशी उतारा जाएगा.
कांग्रेस ने इस बार भाजपा को टिकट घोषणा में पछाड़ दिया है. कांग्रेस के ज्यादातर उम्मीदवार ऐसे हैं जो कि चुनाव लडऩे के अनुभवी हैं. अब देखना यह है कि कौन किस नज़रिए से चुनाव लड़ता है.
क्या दुर्ग से होंगी प्रतिमा?
कांग्रेस ने अब तक 11 सीटों में से 9 पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं. आश्चर्यजनक रुप से इसमें कुर्मी समाज के किसी भी प्रतिनिधि को अवसर नहीं मिला है.
पहले चरण में कांग्रेस ने बस्तर से दीपक बैज, कांकेर से ब्रिजेश ठाकुर, जांजगीर-चांपा से रवि भारद्वाज, रायगढ़ से लालजीत सिंह राठिया व सरगुजा से खेलसाय सिंह को लोकसभा के लिए प्रत्याशी घोषित किया था.
दूसरे चरण में कांग्रेस की चार सीटों पर प्रत्याशियों के नाम घोषित हुए हैं. इनमें से रायपुर से महापौर प्रमोद दुबे व बिलासपुर से अटल श्रीवास्तव सामान्य वर्ग से आते हैं. चार में से दो सीट साहू समाज को दी गई है जो कि राजनांदगांव व महासमुंद है. राजनांदगांव से पूर्व विधायक भोलाराम साहू को प्रत्याशी बनाया गया है जबकि महासमुंद से मंत्री बनने से वंचित रहे धनेंद्र साहू लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे.
नौ में से दो सीट पर साहू समाज को अवसर देने के बाद अब कांग्रेस के लिए इसी समाज से तीसरी टिकट देने में बेहद बड़ी दिक्कत आ रही है. क्यूंकि छत्तीसगढ़ में कुर्मी समाज बहुतायत है इस कारण शेष बची दो में से एक सीट पर कुर्मी को अवसर दिया ही जाएगा.
दुर्ग व कोरबा में ज्यादातर कुर्मी समाज के लोग दुर्ग लोकसभा क्षेत्र में रहते हैं. यहां से पहले भले ही राजेंद्र साहू का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा था लेकिन अब उनका पत्ता कट गया है.
दुर्ग एक ऐसी सीट है जहां से कुर्मी समाज को संतुष्ट करने के अलावा कांग्रेस के पास और कोई रास्ता नहीं है. हो सकता है कि इसके लिए प्रतिमा चंद्राकर को कांग्रेस आगे लाए.
चूंकि प्रतिमा चंद्राकर को विधानसभा चुनाव के दौरान दुर्ग ग्रामीण से प्रत्याशी घोषित करने के बाद बदलकर उनके स्थान पर ताम्रध्वज साहू को ला दिया गया था जिससे प्रतिमा नाराज भी थीं. ऐन-केन प्रकारेण अब प्रतिमा को लोकसभा चुनाव लड़वाकर कांग्रेस एक तीर से दो शिकार करेगी.
एक तरफ वह कुर्मी समाज को संतुष्ट करने की कोशिश करेगी तो दूसरी तरफ किसी महिला प्रत्याशी को उतारकर महिलाओं को साधने का प्रयास करेगी.