मप्र हाईकोर्ट ने राहुल सिंह पर लगाई थी कास्ट
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जबलपुर.
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने राहुल सिंह लोधी पर दस हजार रूपए की कास्ट लगाई थी. यह राशि अब तक हाईकोर्ट पर जमा नहीं कराई गई है.
इसका उल्लेख करते हुए राहुल सिंह लोधी के खिलाफ चुनाव याचिका दायर करने वाली कांग्रेस प्रत्याशी चंदादेवी गौर ने आरोप लगाया है कि नामांकन पत्र में कास्ट लगाए जाने की जानकारी नहीं दी है.
उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव के दौरान टीकमगढ़ जिले की खरगापुर विधानसभा सीट से चंदादेवी को कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी घोषित किया था. चंदादेवी भाजपा प्रत्याशी राहुल सिंह लोधी के खिलाफ हार गई थी.
हार के बाद चंदादेवी ने राहुल सिंह लोधी के विधानसभा निर्वाचन को जबलपुर हाईकोर्ट में चुनौती दी है. उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति नंदिता दुबे की एकल पीठ ने विधायक राहुल सिंह लोधी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.
28 को होगी फिर सुनवाई
मामले की अगली सुनवाई 28 मार्च को रखी गई है. चंदा देवी ने याचिका में उल्लेख किया है कि विधायक राहुल सिंह लोधी ने दो नामांकन पत्र दायर किए थे.
पहले नामांकन में लोधी ने स्वयं को आरएस कंस्ट्रक्शन कंपनी का भागीदार बताया था. याचिका के मुताबिक कंस्ट्रक्शन कंपनी ब्लैकलिस्टेड हो चुकी है.
इसी जानकारी को छुपाने के लिए लोधी ने दूसरे नामांकन में भागीदारी नहीं होने की जानकारी दी. और तो और विधायक लोधी ने इस बार के चुनाव में दायर किए गए नामांकन पत्र में हाईकोर्ट द्वारा कास्ट लगाए जाने की जानकारी का भी उल्लेख नहीं किया था.
चंदा देवी के अधिवक्ता राजमणि मिश्रा के मुताबिक पिछले विधानसभा चुनाव में याचिकाकर्ता विजयी हुई थी. तब राहुल सिंह लोधी ने हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दायर की थी.
मिश्रा बताते हैं कि उस समय हाईकोर्ट ने चुनाव याचिका खारिज कर दी थी. याचिका के निराकरण करने के दौरान हाईकोर्ट ने दस हजार की कास्ट राहुल सिंह लोधी पर लगाई थी.
उल्लेखनीय है कि विधायक लोधी शहडोल सांसद ज्ञानसिंह के बाद भाजपा की परेशानी बढ़ाने वाले चेहरे हैं. हाल ही में जबलपुर हाईकोर्ट ने सांसद ज्ञानसिंह के निर्वाचन को निरस्त कर दिया था.
हालांकि इसके बाद उन्हें अंतरिम राहत देेते हुए स्टे भी दिया गया था. इसके पहले बेतुल की सांसद ज्योति धुर्वे के जाति प्रमाण पत्र को कोर्ट द्वारा निरस्त किया जा चुका है.