क्या 72 दिनों में ही थक गए थे आईपीएस शुक्ला
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रायपुर.
छत्तीसगढ़ का प्रशासनिक तंत्र संभवत: ठीक से कार्य नहीं कर पा रहा है. या तो उसे गलत सलाह दी जा रही है या फिर उसके निर्णय गलत हो रहे हैं.
तभी तो महज 72 दिनों के भीतर आईपीएस जितेंद्र शुक्ला नक्सल प्रभावित सुकमा जिले से हटा दिए गए हैं. अब सवाल इस बात का उठता है कि क्या वाकई आईपीएस शुक्ला नक्सलियों से लड़ते लड़ते थक गए थे या कोई और बात है.
सलाहकारों की सोच को सलाम
किसी भी राज्य में सरकार जब कोई निर्णय लेती है तो उसके लिए सलाह ली जाती है. छत्तीसगढ़ में यह सलाह कौन और कैसे दे रहा है यह हमें नहीं मालूम लेकिन इतना जरूर है कि कहीं न कहीं कोई न कोई गड़बड़ी है.
अब देखें न आईपीएस जितेंद्र शुक्ला को… शुक्ला 2013 बैच के आईपीएस हैं. 25 दिसंबर 2018 को एक आदेश जारी होता है. इस आदेश में कुल जमा 17 अधिकारियों के नाम थे.
तब नारायणपुर के एसपी रहे जितेंद्र शुक्ला सुकमा के पुलिस अधीक्षक बनाकर भेज दिए गए थे. उनके साथ ही छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल की सातवीं वाहिनी भिलाई से राजेंद्र नारायण दास (2013) को जांजगीर का एसपी बनाकर भेजा गया था.
उस समय नीथू कमल (2008) जांजगीर चांपा से रायपुर एसपी के पद पर लाई गई थी. इसी आदेश में शेख आरिफ हुसैन (2005) बिलासपुर से हटाए गए थे.
समय का चक्र देखिए आज जितेंद्र शुक्ला पीएचक्यू पहुंच गए हैं और आरिफ हुसैन रायपुर एसपी हो गए हैं. इसी तरह नीथू कमल को रायपुर से हटाकर बलौदाबाजार भेज दिया गया है. ये सारे आदेश 18 फरवरी के हैं.
ऐसा नहीं है कि ये सब पहली बार हो रहा है. पहले भी हो चुका है वो भी इसी कांग्रेस सरकार में. इसी साल 02 जनवरी को एक आदेश जारी होता है. इस आदेश में जीपी सिंह को दुर्ग रेंज से हटाकर पुलिस मुख्यालय अटैच कर दिया जाता है.
1994 बैच के ही एसआरपी कल्लूरी को प्रशिक्षण शाखा से निकालकर ईओडब्लू-एसीबी में पदस्थ कर दिया जाता है. फिर अचानक सरकार का डंडा चलता है और कल्लूरी ईओडब्लू से हटा दिए जाते हैं.
कल्लूरी को परिवहन विभाग में भेज दिया जाता है. वह अपर परिवहन आयुक्त बना दिए जाते हैं. उनके स्थान पर जीपी सिंह को ईओडब्लू-एसीबी की कमान सौंप दी जाती है. यह आदेश 27 फरवरी का है.
मतलब साफ है कि या तो सरकार को सलाह ठीक नहीं मिल रही है या फिर सरकार की नियत में ही खोट है. तभी तो महिने दो महिने के भीतर आईपीएस-आईपीएस अफसर के तबादले हो रहे हैं.
बहरहाल आज जारी किए गए तबादला आदेश में जितेंद्र शुक्ला को पुलिस अधीक्षक के पद पर पुलिस मुख्यालय में लाया गया है.
उनके स्थान पर 1997 बैच के राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी डीएस मरावी को सुकमा का पुलिस अधीक्षक बनाया गया है. मरावी अब तक सीटीजेडवी कालेज कांकेर के सेनानी के पद पर थे.