उत्तम प्रदेश बनेगा बीमारु कहलाने वाला यूपी!
नई दिल्ली: योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के 21वें मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार ग्रहण कर लिया है. उनके शपथग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह समेत कई दिग्गज मौजदू थे. योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में उन्हें मिलाकर कुल 44 सदस्य हैं जिनमें 22 कैबिनेट मंत्री, 9 राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार और 11 राज्यमंत्री बनाए गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनने की बधाई देते हुए कहा कि उन्हें इस बात का बहुत अधिक विश्वास है कि उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने में योगी आदित्यनाथ की टीम कोई कसर नहीं छोड़ेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘हमारा मुख्य लक्ष्य केवल और केवल उत्तर प्रदेश का विकास करना है.’ कुछ अन्य ट्वीट में पीएम मोदी ने कहा, ‘लोगों के आशीर्वाद और कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत से बीजेपी ने उन पांच राज्यों में से चार राज्यों में सरकार बना ली है जहां चुनाव हुए थे. हमारा एक ही लक्ष्य और मिशन है और वो है विकास. जब यूपी का विकास होगा तो भारत का विकास होगा. हम यूपी के युवाओं के लिए काम करना चाहते हैं और उनके लिए अवसर पैदा करना चाहते हैं.’
उत्तर प्रदेश के नए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अब तक लोग एक सांसद के रूप में जानते थे, लेकिन उन्हें इतना बड़ा पद मिलने के बाद लोग उनके बारे में जानना चाहते हैं. हम आपके लिए योगी आदित्यनाथ के जीवन के अब तक के सफर की कहानी लेकर आए हैं. आप नीचे जान पाएंगे किस साल अजय सिंह नेगी ने संन्यास अपनाकर योगी आदित्यनाथ बन गए. आप जान पाएंगे कि गणित का तेज तर्रार छात्र के साथ ऐसा क्या हुआ जो वह पहले संन्यासी और फिर राजनेता के रूप में अपनी पहचान बनाने में सफल रहा. ऐसे ही सवालों के जवाब के लिए नीचे टाइमलाइन में पढ़ें योगी आदित्यनाथ का पूरा बायोडाटा.
योगी हुए 21वें
योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के नए मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. विधायक दल की हुई बैठक में उनके नाम पर मुहर लगाई गई थी. उत्तर प्रदेश के 21वें मुख्यमंत्री होंगे. राममंदिर आंदोलन से जुड़े रहे हैं. बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली. लखनऊ के मेयर डॉ. दिनेश शर्मा ने डिप्टी सीएम की शपथ ली. दिनेश शर्मा गुजरात के प्रभारी हैं और पीएम मोदी के करीबी माने जाते हैं. योगी कैबिनेट की बात करें तो सूर्य प्रताप साही ने सबसे पहले कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली. पथरदेवा सीट से विधायक हैं. पहले भी मंत्री रह चुके हैं. सुरेश खन्ना शाहजहांपुर से लगातार 8वीं बार जीते हैं. कैबिनेट मंत्री की शपथ ली. आरएसएस के करीबी माने जाते हैं. बीएसपी छोड़कर बीजेपी छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले कुशीनगर के पंडरौना से विधायक स्वामी प्रसाद मौर्य ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली.
मोहसिन ने चौकाया
उत्तर प्रदेश में बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिलने के बाद योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. योगी आदित्यनाथ के 44 सदस्यों वाले मंत्रिमंडल में मोहसिन रजा का नाम सभी का ध्यान खींचने वाला है. आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में मोहसिन को राज्यमंत्री बनाया गया है. योगी कैबिनेट में गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह का नाम नहीं होना चौंकाने वाली बात है. पंकज सिंह को नोएडा से विधानसभा का टिकट मिलने के बाद से ही चर्चा चल पड़ी थी कि अगर बीजेपी सत्ता में आएगी तो वे मंत्री पद के प्रबल दावेदार होंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. यहां गौर करने वाली बात यह है कि 403 विधानसभा वाले उत्तर प्रदेश चुनाव में बीजेपी ने किसी भी मुसलमान को टिकट नहीं दिया था, जिसके चलते उन्हें विरोधियों के हमले भी झेलने पड़े थे. बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के टिकट पर जीतकर आए 325 विधायकों में कोई भी मुसलमान नहीं है.
साधने की कोशिश
उत्तर प्रदेश में बीजेपी की शानदार जीत के बाद योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. साथ ही सत्ता संतुलन और राज्य की राजनीति की जातिवाद अवधारणा को साधने के लिए बीजेपी ने दिनेश शर्मा और केशव प्रसाद मौर्य को भी उपमुख्यमंत्री की जिम्मेदारी दी है. लेकिन यह सत्य और सांविधानिक है कि मुख्यमंत्री ही सर्वोपरि है. योगी आदित्यनाथ को सीएम चुनकर बीजेपी ने पूर्व उत्तर प्रदेश के साथ साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश को भी साधने का काम किया है. गोरखपुर से लेकर मेरठ, मुजफ्फरनगर तक के मतदाताओं को बीजेपी ने खुश करने के लिए योगी आदित्यनाथ का चयन हुआ है.