माँ के अवतरण दिवस पर होगी भोजन परसादी
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नेशन अलर्ट/राजनाँदगाँव.
माजीसा माँ के अवतरण दिवस पर शनिवार को भोजन परसादी रखी गई है. भगवान महावीर समता वृध्दाश्रम में यह आयोजन होगा.
माँ भटियानी सा सेवा सँस्थान भारत यह आयोजन करने जा रहा है. शहर में इस सँस्था से जुड़े मनोज राठौर ने बताया कि देश विदेश में माजीसा के भगत धूमधाम से उनका जन्मोत्सव मनाएँगे.
नर ही नारायण है को सूत्र वाक्य बताते हुए मनोज कहते हैं कि वृद्धाश्रम में तकरीबन 45 व्यक्ति अपने घर परिवार से दूर रह रहे हैं. इनमें 28 बुजुर्ग माताएँ और 17 पुरूष हैं.
शनिवार को एक समय इन सभी के भोजन की व्यवस्था सँस्था द्वारा की गई है. यह आयोजन माँ भटियानी सा के जन्मोत्सव के अवसर पर हो रहा है.
कौन है माँ भटियानी..?

दरअसल, शुक्रवार दोपहर रसीद काटते समय वृद्धाश्रम के कर्मचारी ने उत्सुकतावश एक सवाल किया. चूँकि उसे जानकारी नहीं थी इसलिए वह जानना चाह रहा था कि माँ भटियानी कौन है ?
माँ भटियानी कलयुग से तारने वाली देवी हैं. इनका जन्म चूँकि भाटीकुल में हुआ था इस कारण इन्हें भटियानी का सँबोधन मिला हुआ है.
इनका जन्म भादो माह के शुक्लपक्ष की सातम को विक्रम सँवत 1745 को हुआ था. इस बार यह सातम शनिवार को पड़ रही है.
जन्म के बाद इनका नामकरण स्वरूपकँवर बाईसा हुआ. बाद में इन्हें भुआसा, माजीसा के नाम से भी जाना जाने लगा.

इनका जन्म स्थान जोगीदा है. यह गाँव राजस्थान के सीमावर्ती जिले जैसलमेर में पड़ता है. आज यहाँ पर भी जोगीदासधाम के नाम से भव्य मँदिर हैं.
भुआसा अथवा माजीसा के पिता का नाम का नाम ठाकुर जोगराजसिंह भाटी था. माता का नाम बदनकँवर था.
जोगराज जी ने ही विसं 1741 को यह गाँव स्थापित किया था. इसी कारण आज इसे जोगीदास का गाँव के नाम से राजस्थान सरकार के राजस्व रिकार्ड में स्थान मिला हुआ है.
माजीसा का शुभ विवाह जसोल के रावल (राजा) कल्याण सिंह के साथ हुआ था. विवाह उपरांत इन्हें रानी भटियानी सा का नाम सम्मानपूर्वक इनकी प्रजा ने दिया. जसोल में ही इनका भव्य व मुख्य मँदिर है.

