जोशी की ताजपोशी : क्या दिल्ली तलब किए गए ?
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नेशन अलर्ट / नईदिल्ली.
राजनीतिक उठापटक के बीच प्रमुख नेताओं का दिल्ली प्रवास सुर्खियाँ बटोर रहा है. भाजपाशासित राज्यों के मुख्यमँत्रियों व अन्यों की दिल्ली दौड़ स्वाभाविक नहीं कही जा सकती है. वह भी तब जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक सँघ (आरएसएस) की ओर से सँजय विनायक जोशी को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने कथित तौर पर मुहिम चलाई जा रही हो.
राजस्थान के मुख्यमँत्री का अगस्त का प्रथम सप्ताह दिल्ली प्रवास में बीता. यही हाल छत्तीसगढ़ के मुखिया का भी रहा. अब वहाँ के विधानसभा अध्यक्ष के दिल्ली दौरे की खबर आ रही है.
ऐसा ही कुछ मध्यप्रदेश के मुख्यमँत्री के साथ हुआ. वह सोमवार (18 अगस्त) को माननीय प्रधानमँत्री के साथ बैठक करते दिखाई दिए थे. उनका पखबाडे़ भर के भीतर तीसरी मर्तबा दिल्ली प्रवास है.
राजस्थान की ही पूर्व मुख्यमँत्री वसुंधराराजे सिंधिया भी दिल्ली दौड़ पूरी कर गईं हैं. उन्होंने सीएम प्रवास के ठीक पहले पीएम से भेंट की थी.
क्यूँ बढी़ हलचल . .?

दरअसल, भाजपा के भीतर बडा़ बवंडर मचा हुआ है. भले ही सबकुछ शाँत नज़र आ रहा हो लेकिन स्थिति वैसी है नहीं. इस पार्टी को इन दिनों भीतर और बाहर से तगडी़ चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.
राष्ट्रीय अंतराष्ट्रीय मँचों पर नीतियाँ कसौटी पर हैं. ऊपर से आरएसएस ने पार्टी अध्यक्ष तय करने दबाव बना कर रखा हुआ है. उसकी पहली पसँद जोशी बताए जाते हैं.
गौरतलब तथ्य है कि जोशी पूर्व में गुजरात में कार्य कर चुके हैं. तभी से उनके और अभी की गुजरात लाबी के नाम से चर्चित भाजपा नेताओं में छह छत्तीस बताई जाती है.
किसी राज्य के जोशी समर्थकों द्वारा उन्हें हर हाल में अध्यक्ष बनवाने किसी तरह का मन्नती यज्ञ करवाए जाने की खबर भी सुनाई देते रही है. गँभीर बात यह बताई जाती है कि यज्ञ की खबर दिल्ली को तब पता चली जब वह पूरा हो चुका था.
बहरहाल, अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि यज्ञ हुआ कहाँ, किस राज्य में, किसने करवाया?
दूसरी तरफ ऐसी सँभावना जताई जाती है कि मध्य भारत का ही कोई राज्य रहा होगा. गोपनीय जानकारी निकालने के क्रम की भी खबर सुनाई दी थी.
कुल मिलाकर दिल्ली दौड़ जारी है. आने वाले कुछ दिनों तक ऐसा ही कुछ चलता रहेगा ऐसी भी सँभावना जताई जा रही है. देखिए होता है क्या ..?

