सीएम ने गरीबों का नहीं बल्कि अमन-गुप्ता-बल्देव का उत्थान किया
नेशन अलर्ट/राजनांदगांव।
इंदिरा प्रियदर्शनी सहकारी बैंक घोटाले रायपुर का मसला अब संस्कारधानी राजनांदगांव में चुनावी मुद्दा बन पड़ा है। दरअसल इस मामले के कथित आरोपी बताए जा रहे मुख्यमंत्री का निर्वाचन क्षेत्र चूंकि राजनांदगांव है इस कारण कांग्रेस प्रत्याशी श्रीमती करुणा शुक्ला इस विषय पर मुखर हैं। श्रीमती शुक्ला ने एक एक्सक्लूजिव इंटरव्यू में कहा कि मुख्यमंत्री ने गरीबों का नहीं बल्कि अमन सिंह, मुकेश गुप्ता, बल्देव सिंह भाटिया सहित अपने परिवार व भाजपा के कार्यकर्ताओं का उत्थान किया है।
श्रीमती करुणा शुक्ला ने शनिवार सुबह भरकापारा में मंदिर दर्शन के बाद नेशन अलर्ट से बातचीत की। बातचीत के दौरान उन्होंने खुलकर मुख्यमंत्री पर प्रहार करते हुए उन्हें नागरिक आपूर्ति निगम घोटाला, इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक घोटाला, पनामा पेपर लीक्स व अगस्ता वेस्टलैंड पर जमकर घेरा। श्रीमती शुक्ला ने मुख्यमंत्री के साथ ही उनकी पत्नी व उनके सुपुत्र को भी नहीं छोड़ा।
गरीबों का धन लूटने वाले हैं..
गरीबों का मसीहा व चाऊंर वाले बाबा कहे जाने पर उन्होंने यह कहते हुए आपत्ति की है कि दरअसल मुख्यमंत्री मसीहा नहीं बल्कि गरीबों का धन लूटने वाले हैं। इसी इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक घोटाले में बैंक प्रबंधक रहे उमेश सिन्हा ने बृजमोहन अग्रवाल, अमर अग्रवाल, रामविचार नेताम, राजेश मूणत सहित मुख्यमंत्री का नाम पैसा लेने वालों में नार्काे टेस्ट के दौरान उजागर किया था।
श्रीमती शुक्ला ने कहा कि चूंकि 15 साल में मुख्यमंत्री ने कभी किसी भी मामले की जांच नहीं कराई इस कारण इस मामले में भी वह चुप्पी साध गए। एक-एक दो-दो करोड़ लेकर मुख्यमंत्री ने मामले की जांच ही नहीं कराई। आठ साल मामले की सीडी गायब कहां थी यह पूछते हुए श्रीमती शुक्ला कहतीं हैं कि चूंकि मुख्यमंत्री जांच नहीं कराते हैं इस कारण मामला संदिग्ध हो गया है।
मुख्यमंत्री सहित उनके खुद के परिवार के उत्थान की बात कहते हुए श्रीमती शुक्ला ने कहा कि सबका साथ, सबका विकास का मुख्यमंत्री का नारा खोखला है। नांदगांव के गरीब मजदूर का रत्तीभर उत्थान नहीं हुआ है।
सीएम मैडम कौन, रमन सिंह मौन
श्रीमती शुक्ला ने नान घोटाले पर बोलते हुए कहा कि मैडम सीएम का नाम इस घोटाले में सुनाई देते रहा है। जब विधानसभा में मसला उठा तो मुख्यमंत्री मौन रहे। मैं मुख्यमंत्री से पूछना चाहती हूं कि यदि श्रीमती वीणा सिंह मामले की आरोपी नहीं हैं तो वो दूसरी महिला कौन है जो सीएम मैडम बनकर यह घोटाला कर रही थी।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के नाम पर मुख्यमंत्री द्वारा वोट मांगे जाने पर उन्होंने कहा कि सीएम जान लें कि अटल बिहारी बाजपेयी जी के परिवार की एक जीती जागती महिला उनके सामने खड़ी है। अब यह नांदगांव की जनता तय करेगी कि वह अटल बिहारी बाजपेयी जी के परिवार के सदस्य के पक्ष में वोट करे अथवा मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार के पक्ष में।
मुख्यमंत्री ने बाजपेयी जी का कभी नाम नहीं लिया, कभी किसी भवन को उनके नाम से लोकार्पित नहीं किया, कभी राज्योत्सव में उन्हें याद नहीं किया फिर भी यदि उनके नाम से वोट मांग रहे हैं तो मांगे। मुख्यमंत्री द्वारा 15 साल में की गई 24 हजार 836 घोषणाओं में कितनी पूरी हुई यह हिसाब-किताब क्या वे लेंगी यह पूछे जाने पर श्रीमती शुक्ला ने कहा कि वह कमीशन खोरी का हिसाब, उनके भ्रष्टाचार का हिसाब, उनकी घोषणाओं का हिसाब मांग रही हूं।
परिवर्तन की लहर है
इस दौरान श्रीमती शुक्ला ने राजनांदगांव में परिवर्तन की लहर चलने का उल्लेख करते हुए कहा कि जनता इस बार उनके साथ है। पनामा पेपर लीक्स का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि अभिषाक अथवा अभिषेक जो नाम लिया जाए एक ही है। प्रधानमंत्री का ये कहना कि न खाऊंगा न खाने दूंगा का सबसे बड़ा उदाहरण ललित मोदी, नीरव मोदी, मेहुल चौकसे के साथ अभिषेक सिंह भी है। इन्हें पैक करके ले जाने दिया गया है।