हर जोर जुल्म की टक्कर में, हड़ताल हमारा नारा है
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राजनांदगाँव.
छत्तीसगढ़ लघु वेतन शासकीय चतुर्थ वर्ग कर्मचारी संघ के सदस्य रविवार को कलेक्टोरेट के सामने बैठक करने बैठ गए. बैठक का लब्बोलुआब यह था कि 21 मार्च को आदिम जाति कल्याण विभाग के राज्य आयुक्त का घेराव कैसे किया जाए.
बैठक अपने तय समय पर शुरू हुई. बैठक में शामिल सदस्यों ने अपनी अपनी बात रखी. 21 मार्च को प्रस्तावित आँदोलन के सँदर्भ में रणनीति तय करने का भी काम शुरु किया गया.
पदाधिकारियों व सदस्यों ने बताया कि वह सब अपने नियमितिकरण के लिए वर्षों से सँघर्ष करते आ रहे हैं. किसी भी सरकार ने लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया. सिर्फ़ वायदे करते रहे हैं.
बैठक में लोक निर्माण विभाग के अनियमित कर्मचारियों की समस्याओं पर भी चर्चा की गई. अभी इन्हें वेतन शासकीय खजाने से मिलता है. शायद भविष्य में ऐसा न हो पाए.
इसका कारण भी बताया गया. बताते चलें कि लोक निर्माण विभाग के दुर्ग परिक्षेत्र के मुख्य अभियँता के उस कथित प्रस्ताव पर भी आक्रोश जताया गया जिसे उनके द्वारा विभाग के प्रमुख अभियँता को रायपुर भेजा गया है.
बैठक में उपस्थित सदस्यों ने कहा कि लोनिवि का यह प्रस्ताव बताता है कि वहाँ के अनियमित कर्मचारियों को ठेका प्रथा से जोड़ने का प्रयास हो रहा है. समय पर विरोध नहीं हुआ तो यही स्थिति दीगर विभागों के भी अनियमित कर्मचारियों की होगी.
इसका पुरजोर विरोध करने की भी रणनीति पर यह सोचते हुए बात की गई कि . . .
“हर जोर जुल्म की टक्कर में, हड़ताल हमारा नारा है
तुमने माँगें ठुकराईं हैं, तुमने तोडा़ है हर वादा
छीना हमसे सस्ता अनाज, तुम छँटनी पर हो आमादा
तो अपनी भी है तैयारी, तो हमने भी ललकारा है
हर जोर जुल्म की टक्कर में हड़ताल हमारा नारा है.”
- शँकर शैलेंद्र

