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मिशन क्लीन सिटी : कचरा सँग्रहण छोड़ कर रहे नाली साफ !

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रायपुर.

बेहतर क्रियान्वयन के अभाव में अच्छी योजनाएँ भी दम तोड़ने लगती हैं. मिशन क्लीन सिटी इसका एक उदाहरण है. योजना में नियोजित मानव बल को कचरा सँग्रहण जैसे कार्य से पृथक करते हुए नाली सफाई करवाई जा रही है.

ऐसा हम नहीं कह रहे हैं बल्कि शासकीय विज्ञप्ति में ऐसा ही कुछ लिखा हुआ है. शासन की यह विज्ञप्ति 21फरवरी को जारी हुई थी. इसका क्रमाँक 5530/कमलेश था.

विज्ञप्ति में उल्लेखित है कि मिशन क्लीन सिटी अँतर्गत नियोजित मानव बल से कुछ नगरीय निकाय स्ट्रीट स्वीपिंग, नाली सफाई एवं अन्य प्रकृति के कार्य करा रहे हैं. हालाँकि ऐसे निकायों के नाम का वर्णन नहीं किया गया है.

इनका कार्य डोर – टू – डोर कचरा सँग्रहण करना होता है. इन्हें ही इस कचरे के निपटान की कार्रवाई करनी होती है लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है.

अब जाकर नगरीय प्रशासन विभाग ने इस तरह की शिकायतों पर रूख कडा़ किया है. उसने सभी निकायों को निर्देशित किया है कि मिशन क्लीन सिटी अंतर्गत नियोजित स्वच्छता दीदी/सफाई मित्रों से योजना के दिशा – निर्देशों के अतिरिक्त अन्य प्रकृति के कार्य नहीं करावें अन्यथा निर्देशों के उल्लंघन पर जिम्मेदारी का निर्धारण कर कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

खोल दिया राहत का पिटारा . . .

बहरहाल, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने मिशन क्लीन सिटी के अँतर्गत नगरीय निकायों में कार्यरत स्वच्छता दीदियों और सफाई मित्रों के लिए राहत का पिटारा खोल दिया है. उनके लिए आठ घंटे की कार्यावधि निर्धारित करने के साथ ही साप्ताहिक अवकाश और महीने में एक दिन का सवैतनिक आकस्मिक अवकाश का भी उल्लेख है.

स्वच्छता दीदियों और सफाई मित्रों का श्रम विभाग में पंजीयन कराकर विभिन्न योजनाओं का लाभ प्रदान करने के भी निर्देश दिए गए है. इसके लिए वर्ष 2016 में जारी निर्देशों को संशोधित कर नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं.

नए दिशा – निर्देश रायपुर, भिलाई और रिसाली को छोड़कर शेष सभी नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में लागू होंगे. निकायों में कार्यरत विभिन्न स्वसहायता समूहों की माँगों पर संवेदनशीलता से विचार किया गया है.