अटल की अस्थियां राजनीतिक मुद्दा बनीं
नेशन अलर्ट/रायपुर।
ओहदा पूर्व प्रधानमंत्री का.. सम्मान भारत रत्न.. पुरुस्कार अनगिनत… लेकिन मौत हुई तो ऐसी की अब तक शांति नहीं मिल सकी है लगता है..। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी शायद अब भी बिलखते होंगे, उनके नाम पर हो रही इस राजनीति को देखकर। दरअसल, बाजपेयी जी को कांग्रेस से ज्यादा भाजपा ने या तो मुद्दा बनाया है या फिर उनके नाम पर इवेंट मैनेजमेंट कर अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने का प्रयास किया है।
कल की ही बात है। अटल जी की भतीजी श्रीमती करुणा शुक्ला ने अपनी पुरानी पार्टी भाजपा के लिए रौद्र रुप धारण कर लिया था। वह नए-नवेले अपने कांग्रेसी साथियों के साथ उस एकात्म परिसर की दहलीज पर पहुंची थीं जहां से उन्होंने वर्षों पहले भाजपा छोड़कर कांग्रेस की राह पकड़ ली थी।
करुणा इस बात से नाराज थीं कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी जी की अस्थियों को विसर्जित नहीं कर भाजपा ने उसे कार्यालय में कलश में कैद करके रखा है।
खैर, करुणा शुक्ला की आपत्ति अपनी जगह जायज है। कोई भी सनातनी हिंदू अपने पूर्वजों की अस्थि के साथ इस तरह का खिलवाड़ नहीं झेल सकता है जो कि करुणा के शब्दों में भाजपा ने अटल जी की अस्थियों के साथ कर रखा है।
बात यहीं पर यदि रुकती तो माना जा सकता था लेकिन बात इससे भी आगे तक आ चुकी है। कल कांग्रेस ने हंगामा किया था तो आज हंगामे का दिन भाजपा का था। अब भाजपा ने अपने आप को पाक-साफ बताते हुए कांग्रेस पर आरोप मढ़ दिए हैं। मामला पुलिस तक पहुंच गया है।
मौदहापारा में लिखित शिकायत
मौदहापारा थाने में लिखित शिकायत भाजपा की ओर से दर्ज कराई गई है। संजय श्रीवास्तव, छगन मुंदड़ा, नरेश गुप्ता की अगुवाई में मौदहापारा थाना पहुंचे भाजपाईयों की मांग है कि भाजपा कार्यालय में हुए हंगामे के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल, पूर्व सांसद करुणा शुक्ला सहित अन्य आरोपियों पर अपराध दर्ज किया जाए।
क्या है मामला
बताया जाता है कि भाजपा कार्यालय के एक कक्ष में कुछ कलश रखे हुए थे। ये कलश कैसे और क्यूं रखे थे यह तो भाजपा ही बेहतर जानती होगी लेकिन खबर ये उड़ी थी कि बाजपेयी जी की अस्थियां इन कलश में रखी हैं। मामले ने तब तूल पकड़ा जब अटल की भतीजी करुणा कांग्रेसी साथियों के साथ यही कलश यह कहते हुए मांगने भाजपा कार्यालय पहुंच गई थीं कि हम ससम्मान विसर्जन कर देंगे। मामले में हाथापाई भी हुई थी।